सार

रूस और चीन के बाद अब भारत भी कोरोना वैक्सीन बनाने की कगार पर है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य डॉ हर्षवर्धन ने दावा किया है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के आखिरी तक कोरोना की वैक्सीन बन जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में जिन तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है, वे किस स्टेज में हैं। 

नई दिल्ली. रूस को चीन के बाद अब भारत भी कोरोना वैक्सीन बनाने की कगार पर है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य डॉ हर्षवर्धन ने दावा किया है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस साल के आखिरी तक कोरोना की वैक्सीन बन जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में जिन तीन वैक्सीन पर काम चल रहा है, वे किस स्टेज में हैं। 

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि हमें इस साल के आखिर तक भारत बायोटेक की बनाई वैक्‍सीन Covaxin मिल सकती है। उन्होंने कहा, हम 2021 की पहली तिमाही में वैक्सीन का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो जाएंगे। 

तीन वैक्सीन पर चल रहा काम
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, दुनियाभर में वैक्सीनों का ट्रायल काफी तेजी से चल रहा है। इस साल के आखिरी तक स्वदेशी वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो जाएगा। इसके बाद हमें पता चलेगा कि यह कितना असरदार है। उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है, ताकि तेजी से यह बाजार में पहुंच सके। उन्होंने कहा, साल के आखिरी तक ये टीके उपलब्ध होने की उम्मीद है। 

कहां तक पहुंची तीनों वैक्सीन?
 

  • ऑक्‍सफर्ड वैक्‍सीन- वैक्सीन का भारत में भी ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। कंपनी का दावा है कि यह साल के आखिर तक उपलब्ध हो जाएगी। 
  • को वैक्सीन : इसका निर्माण भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर किया है। इसका ट्रायल दो हफ्ते पहले शुरू हो गया। यह वैक्सीन इस साल के अंत तक बन सकती है। 
  • जायकोव-डी: जायडस कैडिला ने भी अपनी वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। कुछ महीनों में ट्रायल पूरे होने की उम्मीद है।  


ऐसे वैक्सीन हासिल करेगा भारत?
डॉ हर्षवर्धन ने बताया,  वैक्सीन प्राप्त करने के लिए सरकार ने प्लान बनाया है। उन्होंने बताया, भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। यहां से दुनिया भर को दो तिहाई वैक्सीन सप्लाई होती है। उन्होंने कहा, ICMR और भारत बायोटेक ने एमओयू साइन किया है कि अगर वैक्सीन बन जाती है तो भारत सरकार को इसे सस्ती दरों पर मुहैया कराया जाएगा। वहीं, सरकार सीरम इंस्टीट्यूट से भी समझौता करने के प्रयास में है। 

किसे पहले मिलेगी वैक्सीन?
हषवर्धन ने कहा, वैक्सीन बनने के बाद सबसे पहले हेल्थवर्कर्स और  फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी। इसके बाद बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने बताया, उपलब्‍ध डोज के आधार पर टीका लगाने की कवायद शुरू होगी।