सार
कोरोना वायरस का कहर दुनिया के 170 से ज्यादा देशों में है। अब तक इससे करीब 8800 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां अब तक 174 केस सामने आए हैं। इसी बीच भारत के लिए एक राहत भरी खबर आई है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस का कहर दुनिया के 170 से ज्यादा देशों में है। अब तक इससे करीब 8800 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां अब तक 174 केस सामने आए हैं। इसी बीच भारत के लिए एक राहत भरी खबर आई है। हाल ही में हुई रिसर्च में दावा किया गया है कि भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना का संक्रमण धीमी गति से बढ़ रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस चेन्नई की रिसर्च में यह बात सामने आई है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की गति धीमी है। इंस्टीट्यूट के दो वैज्ञानिकों सोम्या ईश्वरन और सीताभ्र सिन्हा की रिसर्च के मुताबिक, भारत में इसके फैलने की आर ओ( RO, R-naught or production number) दर 1=1.7 है। (यानी भारत में यह एक संक्रमित व्यक्ति से सिर्फ 1.7 व्यक्ति में ही फैल रहा है)। यह दर अन्य देशों की तुलना में काफी कम है।
ईरान में सबसे तेजी से हो रहा संक्रमण
चीन में यह दर 1=2.14 प्रति व्यक्ति की दर से फैल रहा है। वहीं इटली में 1=2.34 प्रति व्यक्ति की दर से फैल रहा है। ईरान में इसके फैलने की दर 1=2.73 प्रति व्यक्ति है।
- क्या है आर ओ RO, R-naught or production number?
आर-नॉट या आर ओ एक मैथमेटिकल तरीका है, जिससे किसी बीमारी जो संक्रमण की तरह फैलती है उसका एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्तियों में फैलने की दर को मापा जाता है। जैसे कि कोरोना एक व्यक्ति से कितने लोगों में संक्रमित हो रहा है इसको नापने के लिए जो पैटर्न यूज किया जाता है उसे आर-नॉट या आर ओ कहते हैं। जिस भी संक्रमित बीमारी का आरओ एक से कम होता है वह बीमारी संक्रमित बीमारियों में तो आएगी लेकिन इसे महामारी नहीं कहा जा सकता। वहीं दूसरी तरफ अगर आरओ एक से ज्यादा है तो महामारी कहलाएगी।
भारत में इसके धीमी गति से फैलने की क्या है वजह?
इसके कई कारण हो सकते हैं। एक कारण मौसम हो सकता है। अब देश के ज्यादातर राज्यों गर्मी भी शुरू हो गई है। जिसके कारण यह वायरस ज्यादा देर तक सर्वाइव नहीं कर पा रहे हो। वहीं, दूसरी तरफ काफी लोगों ने इससे बचने के लिए अपने आप को लॉकडाउन कर लिया है। लोग पब्लिक प्लेस पर जाने और सोशल गेदरिंग से बच रहे हैं। यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है। हालांकि इस पर भी वैज्ञानिक सिन्हा कहते हैं कि हम इस बात पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर सकते बल्कि यह कारण भी हो सकते हैं। अभी तक इसके पक्के सबूत नहीं है कि इन्हीं कारणों से ही इसके फैलने में कमी आई है। आज से करीब एक सप्ताह बाद जब आंकड़े सामने आने लगेंगे तो हमें कुछ पक्के कारण देखने को मिल सकते हैं।
सरकार के फैसलों का भी हो सकता है असर...
जैसे कि पिछले कुछ हफ्तों में सरकार ने इसके बचाव के सजग कदम उठाए हैं, जिसके कारण भी इसके फैलने में कमी की वजह हो सकती है। सरकार के द्वारा स्कूल, कॉलेजों की छुट्टी की घोषणा के साथा-साथ संक्रमित लोगों का उपचार और एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग पर काफी जोर दिया गया। यह भी संक्रमण की धीमी गति की वजह हो सकता है। हालांकि डॉ. सिन्हा बताते हैं कि इसके कोई सबूत हमारे पास नहीं हैं। लेकिन जैसे कि मैंने कहा हम मान सकते हैं कि कोरोना के संक्रमण फैलने की गति धीमी होने की यही वजह हैं। आगे जैसे ही आंकड़ें और नई चीजें हमारे सामने आएंगी तो हम बता सकते हैं हैं कि वास्तव में क्या वजह हैं?
इन वजहों से भी फैल सकता है वायरस
वायरस फैलने का खतरा केवल संक्रमण से नहीं है। संक्रमण के साथ हमें दूसरे पहलुओं पर भी ध्यान रखना पड़ेगा। जैसे कि जो लोग विदेश से आ रहे हैं और कोरोना के पॉजिटिव हैं तो इसे फैलने से रोकना बहुत मुश्किल है। इस तरह यह इसी दर से फैलने पर भी खतरनाक हो सकता है। दूसरी वजह, जो अन्य देशों से सामने आई है। वहां के आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि वायरस के 100 केस सामने आने के बाद यह तेजी से बढ़ा। इटली और इरान में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। यहां पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा 100 के पार हुआ, उसके तीन दिन में 500 लोगों में फैल गया। इस तरह यह तीन दिन में पांच गुना फैला है। वहीं दूसरी तरफ हाल ही में 15 तारीख को भारत ने भी 100 का आंकड़ा छुआ था, जोकि तीन दिन में 152 हो गया। इसका एक कारण यह भी है कि अभी कुछ पॉजिटिव लोग हैं जो सामने नहीं आए हैं लेकिन जो संक्रमित हो चुके हैं वह सामने तो आएंगे ही।
मौसम को नहीं कह सकते मुख्य वजह...
डॉ. सिन्हा बताते हैं कि हम अभी तक ऐसे नहीं कह सकते हैं कि मौसम की वजह से ही भारत में यह तेजी से नहीं फैल रहा। हां हम यह कह सकते हैं कि यह भी 1 वजह हो सकती है। लेकिन अभी तक इसके पक्के सबूत नहीं है। आगे आने वाले कुछ दिनों में जैसे ही और आंकड़े हमारे सामने आएंगे तो हम बता पाएंगे कि वास्विक वजह क्या हैं।