सार

1984 के सिख दंगों में जगदीश टाइटलर पर हत्या का आरोप तय करने का निर्देश दिया गया है। सीबीआई ने पुल बंगश हत्याकांड में टाइटलर पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया है। टाइटलर पर 13 सितंबर को आरोप तय किए जाएंगे।

Sikh Riots 1984: सिख दंगों के पीड़ितों को चालीस साल बाद भी न्याय नहीं मिल सका है। शुक्रवार को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ 1984 के सिख नरसंहार में हत्या का आरोप तय करने को निर्देशित किया। सीबीआई ने सिख दंगों के दौरान पुल बंगश सिख हत्याकांड में टाइटलर के खिलाफ केस दर्ज किया था।

क्या हुआ था उस दिन और क्या था टाइटलर का रोल?

सीबीआई ने मई 2023 में सिख दंगों के दौरान 1 नवम्बर 1984 की घटना का जिक्र करते हुए जगदीश टाइटलर को आरोपी बनाया था। सीबीआई चार्जशीट में कहा गया कि 1 नवंबर 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारे के पास काफी भीड़ इकट्ठा थी। इस भीड़ को तत्कालीन कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने उकसाते हुए कहा था कि मारो सिखों को, उन्होंने हमारी मां को मारा है।

सिख दंगों के पीड़ितों की ओर से पेश हुई गवाह मनमोहन कौर ने कोर्ट को बताया कि उनके पिता सुबह गुरुद्वारा सीसगंज साहिब गए थे लेकिन वापस नहीं लौटे। बाद में पता चला कि उनके पिता की हत्या गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने की गई थी। एक दूसरे गवाह हरपाल कौर बेदी ने कहा कि टाइटलर ने भीड़ से कहा कि सिखों को मारो और फिर लूटपाट करो।

हालांकि, इन आरोपों पर टाइटलर पक्ष ने खारिज कर दिया। बचाव पक्ष ने कहा कि घटना वाले दिन टाइटलर तीन मूर्ति भवन में थे। उसका फुटेज मौजूद है। लेकिन सीबीआई ने कहा कि वह उन गवाहों के बयानों पर भरोसा करके अपनी चार्जशीट दाखिल की है। उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत है। सीबीआई ने कांग्रेस नेता के खिलाफ IPC की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने) और 302 (हत्या) आदि के तहत केस दर्ज किया है।

अब जानिए क्या था जस्टिस नानावती कमीशन की रिपोर्ट

सिख दंगों की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने जस्टिस नानावती आयोग का गठन किया था। नानावती आयोग ने टाइटलर के खिलाफ अलग जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद 2005 में सीबीआई ने फिर एफआईआर दर्ज किया। हालांकि, सीबीआई द्वारा 2009 में दाखिल की गई पहली अनुपूरक रिपोर्ट कोर्ट में जगदीश टाइटलर के खिलाफ किसी भी कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई थी।

13 सितंबर को होंगे आरोप तय

जगदीश टाइटलर के खिलाफ 13 सितंबर को आरोप तय किए जाएंगे। उन पर पुल बंगश गुरुद्वारा के बाहर भीड़ को उकसाने का आरोप है जिसमें ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या हुई थी। उन पर गैरकानूनी सभा, दंगा, आदेश की अवज्ञा, पूजा स्थल को अपवित्र करना, आगजनी और चोरी के अलावा हत्या और दंगा भड़काने का आरोप तय होगा। टाइटलर को पहले तीन मौकों पर सीबीआई से क्लीन चिट मिल चुकी थी लेकिन आखिरी बार अदालत ने एजेंसी को आगे की जांच करने का निर्देश दिया था।

क्यों हुए थे सिख दंगे?

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में विवादास्पद 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' के बाद उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हिंसक दंगे हुए थे।

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