सार

कोवैट (CoronaVirus Vaccine induced antibody titre) स्टडी के लिए 552 हेल्थकेयर वर्कर्स को चुना गया। इनमें से 325 पुरुष थे जबकि 227 महिलाएं। इनमें से 456 ने कोविशील्ड और 96 ने कोवैक्सीन की पहली डोज ली थी।

नई दिल्ली। देश में लगाई जा रही दो कंपनियों की वैक्सीन्स में कोविशील्ड अधिक एंटीबाडी बना रहा। कोवैट की प्राइमरी रिसर्च में कोवैक्सीन की अपेक्षा कोविशील्ड वैक्सीन डोज लेने वालों की शरीर में अधिक एंटीबाडी बनने की रिपोर्ट सामने आई है। यह स्टडी दोनों डोज ले चुके हेल्थकेयर वर्कर्स पर की गई है। रिसर्च के अनुसार पहली डोज के बाद कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड में एंटी स्पाइक एंटीबाडी के लिए सेरोपाॅजिटिविटी दर काफी अधिक थी। हालांकि, स्टडी रिपोर्ट आने के बाद यह भी बताया गया कि अभी यह प्राथमिक जानकारी है, इसका उपयोग या इसको मानक मानकर क्लिनिकल प्रैक्टिस में इसको नहीं अपनाना चाहिए। 

इन पर किया गया रिसर्च 

कोवैट (CoronaVirus Vaccine induced antibody titre) स्टडी के लिए 552 हेल्थकेयर वर्कर्स को चुना गया। इनमें से 325 पुरुष थे जबकि 227 महिलाएं। इनमें से 456 ने कोविशील्ड और 96 ने कोवैक्सीन की पहली डोज ली थी। सभी में से 79.3 प्रतिशत के शरीर में सेरोपाॅजिटिविटी पहली डोज के बाद ही दिखने लगी। स्टडी के अनुसार कोविशील्ड की एंटीस्पाइक एंटीबाडी की आईक्यूआर 86.8 रही तो कोवैक्सीन की 43.8 प्रतिशत रही। रिसर्च में उन हेल्थवर्कर्स को शामिल किया गया था जिनको दोनों वैक्सीन में किसी का भी दोनों डोज लग चुका है। 

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आईए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं... जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona