सार

कोरोना वैक्सीन का प्री-कॉशन डोज लगवाने के लिए बुजुर्गों को मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा। इसे  CoWIN पोर्टल पर अपलोड करने या वैक्सीनेशन सेंटर पर जमा करने के बाद उन्हें टीका लगेगा। 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऐलान किया कि 60 साल से अधिक उम्र वाले ऐसे बुजुर्ग जो कॉमोर्बिटिज (एक से अधिक बीमारी से पीड़ित) के शिकार हैं कोरोना वैक्सीन का प्री-कॉशन डोज (Precautionary Dose) लगवा सकते हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बढ़ते कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच बहुत से ऐसे बुजुर्ग हैं जो टीका का प्री-कॉशन डोज लगवाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को टीका लगवाने के लिए क्या करना होगा आइए जानते हैं।

जमा करना होगा मेडिकल सर्टिफिकेट 
60 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति को सबसे पहले अपना मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना होगा। यह सर्टिफिकेट रजिस्टर्ड डॉक्टर ही बना पाएंगे। इसमें यह जिक्र होगा कि बुजुर्ग व्यक्ति किन गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। सर्टिफिकेट बन जाने पर उसे CoWIN पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जो लोग ऐसा नहीं कर सकते उनके लिए वैक्सीनेशन सेंटर पर हार्ड कॉपी जमा कराने का विकल्प भी मौजूद है। सर्टिफिकेट CoWIN पोर्टल पर अपलोड करने या  वैक्सीनेशन सेंटर पर जमा करने के बाद बुजुर्ग को कोरोना के टीका का तीसरा डोज लगेगा। इसके साथ ही उन्हें बूस्टर डोज लगने का सर्टिफिकेट भी मिलेगा। 

कॉमोर्बिटिज की लिस्ट में शामिल हैं ये बीमारियां 
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार कॉमोर्बिटिज सर्टिफिकेट की डिटेल सरकार पहले ही वैक्सीनेशन कैंपेन के दौरान जारी कर चुकी है। ये डिटेल बुजुर्गों के साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 से 60+ उम्र वाले लोगों का वैक्सीनेशन शुरू करने के दौरान जारी की गई थी। कॉमोर्बिटिज लिस्ट में 22 बीमारियां शामिल हैं। ये बीमारियां हैं- डायबिटीज, किडनी डिजीज या डायलिसिस, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, स्टेमसेल ट्रांसप्लांट, कैंसर, सिरोसिस, सिकल सेल डिजीज, प्रोलॉन्गड यूज ऑफ स्टेरॉयडस, इम्यूनोसप्रैसेंट ड्रग्स, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, रेसपिरेटरी सिस्टम पर एसिड अटैक, हाई सपोर्ट की जरूरत वाले विकलांग, मूकबधिर-अंधापन जैसी मल्टीपल डिसएबेलिटिज, गंभीर रेसपिरेटरी डिजीज से दो साल अस्पताल में रहें हों।

 

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