सार
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 12 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि दूसरे दल से आए नेताओं को पार्टी में बड़े पद मिल रहे हैं। पुराने नेताओं की उपेक्षा की जा रही है।
हैदराबाद। तेलंगाना कांग्रेस में विद्रोह की आग भड़क उठी है। हाल में ही गठित किए गए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 12 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। सोमवार सुबह कांग्रेस के नेताओं ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने आरोप लगाया कि दूसरी पार्टी से आए लोगों को पुराने लोगों से अधिक तरजीह दी जा रही है। उन्हें कांग्रेस के पुराने नेताओं के ऊपर का पद दिया जा रहा है।
इस्तीफा देने वालों में तेलंगाना विधायक सीतक्का भी शामिल हैं। नेताओं ने अपने त्यागपत्र में दावा किया कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव तेलंगाना में तानाशाही शासन चला रहे हैं। केसीआर को सत्ता से हटाने के लिए कड़े संघर्ष की जरूरत है। लोकसभा सांसद उत्तम कुमार रेड्डी ने आरोप लगाया था कि नए पीसीसी सदस्यों में से 50 प्रतिशत से अधिक ऐसे नेता हैं जो हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्हें पीसीसी में जगह देकर पार्टी ने पिछले छह साल से काम कर रहे नेताओं को निराश किया है।
नेताओं ने कहा कि वे सोनिया गांधी के प्रति श्रद्धा के कारण कांग्रेस में शामिल हुए थे। सोनिया गांधी ने तेलंगाना राज्य बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। पत्र में कहा गया है, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ नेताओं ने हमें और पार्टी को मजबूत करने के हमारे प्रयासों को निशाना बनाया है।"
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इन नेताओं ने दिया इस्तीफा
- विजयरामन राव
- वजरेश यादव
- सीतक्का (विधायक)
- वेम नरेंद्र रेड्डी
- दोम्मती संबैया
- कवमपल्ली सत्यनारायण (उपाध्यक्ष)
- सुभाष रेड्डी, डीसीसी अध्यक्ष, करीमनगर
- चरकोंडा वेंकटेश
- सत्तू मल्लेश
- पटेल रमेश रेड्डी
- शशिकला यादव
- चिलुका मधुसूदन रेड्डी (महासचिव)
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