सार
पूर्व एचएनएलसी नेता (Former HNLC leader) चेरिश्टरफील्ड थंगख्यू (Cherishterfield Thangkhiew) के एनकाउंटर के बाद मेघालय में हुई हिंसा के मद्देनजर शिलांग में लगाया गया कर्फ्यू आज हटा लिया गया।
शिलांग. मेघालय के शिलांग से आज सुबह कर्फ्यू हटा लिया गया। हालांकि इंटरनेट सर्विस और मोबाइल सेवाएं शाम से चालू होंगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि पाबंदियों में ढील बुधवार शाम तक जारी रखी जाएगी। बता दें कि पूर्व एचएनएलसी नेता (Former HNLC leader) चेरिश्टरफील्ड थंगख्यू (Cherishterfield Thangkhiew) के एनकाउंटर के बाद 15 अगस्त को उसके अंतिम संस्कार के दौरान शिलांग में तनाव पैदा हो गया था। उग्रवादियों के समर्थकों ने उसकी शव यात्रा के दौरान तोड़फोड़ की थी।
आजादी के दिन हुआ था तनाव
मेघालय में आजादी के पर्व के दिन उपद्रव हुआ था। इस बीच राज्य के गृहमंत्री लखन रिंबुई ने अपने पद से इस्तीफ दे दिया था। रविवार को मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के निज निवास पर उपद्रवियों ने पेट्रोल बम फेंका गया था। इसके बाद सुरक्षा के लिहाज से शिलांग में 2 दिन का कर्फ्यू लगा दिया गया था।
शुक्रवार को एनकाउंटर में चेरिश्टरफील्ड थंगख्यू को मार गिराया गया था
बता दें कि शुक्रवार(6 अगस्त) को पूर्व एचएनएलसी नेता (Former HNLC leader) चेरिश्टरफील्ड थंगख्यू (Cherishterfield Thangkhiew) को शिलांग स्थित उनके आवास पर मावलाई-किन्टन मस्सार में पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (HNLC) एक प्रतिबंधित संगठन है। चेस्टरफील्ड थंगख्यू ने 2018 में उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन टाइनसॉन्ग के सामने सरेंडर किया था। पुलिस डीजीपी आर चंद्रनाथन ने बताया कि शिलांग पुलिस टीम ने राज्य में हाल ही में हुए आईईडी हमलों के सिलसिले में मवलाई में थांगखिव के किंटोन मस्सार आवास पर छापा मारा था। पुलिस के पास इसके पुख्ता सबूत थे। जब पुलिस ने छापा मारा, तो उसने एक पुलिसवाले को चाकू घोंप दिया। जवाबी कार्रवाई में उसकी मौत हो गई। इस मामले में दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल फोन, एक बन्दूक और डिजिटल दस्तावेज जब्त किए हैं। बता दें कि यह आत्मसमर्पित आतंकवादी 2018 में हुए एक ब्लास्ट की साजिश का आरोपी था। उसका रविवार को अंतिम संस्कार किया गया था।
पूर्व खासी हिल्स जिले के उपायुक्त ने बताया कि रविवार को शाम 9 बजे से मंगलवार सुबह पांच बजे तक शिलांग समूह और उसके आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था। उसे बुधवार सुबह तक बढ़ा दिया गया था। ईस्ट, वेस्ट और साउथ खासी हिल्स और री-भोई में इंटरनेट सर्विस 48 घंटों के लिए बंद कर दी गई थीं। पुलिस ने असम के लोगों से शिलॉन्ग न जाने की अपील की थी। थंगख्यू की मौत के बाद असम के कई वाहनों पर पथराव किया गया। थंगख्यू के समर्थक गाड़ियों में नारेबाजी करते देखे गए।
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