सार

अम्फान के बाद अब चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' कहर बरपाने के लिए तैयार है। अरब सागर से उठा यह चक्रवात महाराष्ट्र और गुजरात के तट से टकराएगा। मुंबई में तूफान को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस तूफान का नाम बांग्लादेश ने दिया। 

नई दिल्ली. अम्फान के बाद अब चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' कहर बरपाने के लिए तैयार है। अरब सागर से उठा यह चक्रवात महाराष्ट्र और गुजरात के तट से टकराएगा। मुंबई में तूफान को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस तूफान का नाम बांग्लादेश ने दिया। इस शब्द का मतलब होता है- ब्रह्माण्ड। इससे पहले भारत में अम्फान ने बंगाल और ओडिशा में तबाही मचाही थी। आईए जानते हैं कि तूफानों के नामों का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ।

चक्रवात तूफानों को नाम देना का सिलसिला करीब 1953 से हुआ। अटलांटिक सागर के आस-पास के देशों ने नामकरण करना शुरू किया था। लेकिन अब इसमें परिवर्तन किया गया है। वर्ल्ड मीटिरियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, जिस क्षेत्र से चक्रवात उठता है, उसके आसपास का देश ही नाम रखता है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले तूफानों को नाम देना 2004 से शुरू हुआ। 

8 देश करते है नामकरण
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफान बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। आठ देश 8 नाम देते हैं, इसके बाद जिस देश का नंबर आता है, वह फिर नाम देता है। 

अप्रैल में जारी हुई 160 नामों की लिस्ट
भारतीय मौसम विभाग ने अप्रैल में 160 तूफानों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में निसर्ग, अर्नब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। निसर्ग नाम बांग्लादेश ने रखा है। पिछली साल का आखिरी नाम अम्फान था, यह थाईलैंड ने दिया था। 
 
2004 में पहला नाम बांग्लादेश ने दिया
2004 में जब तूफानों का नाम दिया गया तो सबसे पहले मौका बांग्लादेश को मिला। बांग्लादेश ने पहले तूफान का नाम ओनिल रखा गया था। भारत ने अभी तक अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सागर और वायु नाम दिए हैं।  

क्यों दिया जाता है नाम?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तूफानों को नाम देने के पीछे की वजह मीडिया रिपोर्ट करने में आसानी होती है। इसके अलावा लोग चेतावनी को गंभीरता से लेते हैं। निपटने की तैयारी में भी मदद मिलती है। 

अमेरिका में ऐसे रखे जाते हैं नाम
अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के वक्त ही चक्रवातों को नाम देना शुरू कर दिया था। हालांकि, उस वक्त चक्रवातों के महिलाओं के नाम पर रखे जाते थे। लेकिन 1978 से पुरुष और महिलाओं के नाम देना शुरू किया। अमेरिका में हर साल 21 नाम रखे जाते हैं। इन्हें अल्फाबेट से नाम दिया जाता है।  Q,U,X,Y,Z को छोड़ दिया जाता है। अगर 21 से ज्यादा तूफान आते हैं तो अल्फा, बीटा, गामा जैसे नामों का इस्तेमाल होता है। 

भारत में ये क्षेत्र होते हैं प्रभावित
भारत में चक्रवात से ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

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