ऐसे तैयार किया जाता है तिरुपति बालाजी का प्रसाद, 305 सालों से 200 कुक मिलकर रोज बनाते हैं डेढ़ लाख लड्डू

 कहते हैं कि प्रसाद खाने से हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और अज्ञानतावश किए गए पापों का नाश होता है।  भारत के कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनके प्रसाद को दुनिया भर में बेहद ख्याति मिली हुई है। इन मंदिरों में नाम आता है तिरुपति बालाजी के मंदिर का। 

/ Updated: Jun 02 2020, 05:25 PM IST

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वीडियो डेस्क। कहते हैं कि प्रसाद खाने से हमारे मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और अज्ञानतावश किए गए पापों का नाश होता है।  भारत के कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनके प्रसाद को दुनिया भर में बेहद ख्याति मिली हुई है। इन मंदिरों में नाम आता है तिरुपति बालाजी के मंदिर का। यहां 300 सालों से तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डूओं का महत्व रहा है। ऐसे में जानते हैं इन लड्डू की खास बातें- प्रसाद के रूप में मिलने वाले इस लड्डू का इतिहास 300 साल से भी ज़्यादा पुराना है। इसकी खास बात यह है कि यह कई दिनों तक खराब नहीं होता है और आप इसे आराम से कुछ दिनों तक खा सकते हैं। लड्डू को बनाने में बेसन, किशमिश, मक्खन, काजू और इलायची का इस्तेमाल किया जाता है। इनका वजन 174 ग्राम का होता है।  इसलिए यहां आए लगभग सभी लोग इस खास लड्डू को जरूर अपने प्रसाद में शामिल करते हैं। बालाजी में चढ़ने वाले लड्डू एकदम ताजा होते हैं। हर दिन यहां करीब तीन लाख लड्डू तैयार किये जाते हैं। इसलिए लड्डू बनाने के लिए एक खास जगह तय की गई है। साथ ही इसे बनाने वाले रसोइया भी अलग हैं। इस ख़ुफिया रसोई को 'पोटू' कहते हैं। यहां केवल मंदिर के पुजारी और कुछ खास लोग ही जाते हैं। यहां सबके जाने पर पाबंदी है। यहां साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है। इस लड्डू की रेसिपी भी बेहद अलग है।  इन लड्डू की कीमत  10 रूपये से लेकर 25 रूपये तक है।