सार
Karnataka student latest News : 21 वर्षीय नवीन शेखरप्पा कर्नाटक का निवासी था। मंगलवार राशन लेने के लिए जब वह एक लाइन में था तभी रूसी हमले में उसकी मौत हो गई थी। नवीन के परिजन उसके शव का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच भाजपा विधायक के बयान ने नया विवाद छेड़ दिया है।
बेंगलुरु। यूक्रेन में रूसी मिसाइल अटैक (Karnatka student died in ukraine) की चपेट में आकर मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा के परिजन उसके शव का इंतजार कर रहे हैं। सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर उसका शव यूक्रेन से कब वापस आएगा। इस बीच एक भाजपा विधायक ने शव लाने में ज्यादा जगह लगने की बात कहकर नया विवाद छेड़ दिया है। कर्नाटक में हुबली-धारवाड़ निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने कहा कि एक ताबूत जितनी जगह लेता है, उतनी जगह पर आठ से 10 लोगों को प्लेन में बैठाया जा सकता है।
संभव हुआ तो लाया जाएगा शव
दरअसल, कर्नाटक में नवीन के परिजन उसके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं। उसके गृहनगर में पार्थिव शरीर कब लाया जाएगा, इस सवाल के जवाब में विधायक ने पत्रकारों से कह दिया कि सरकार नवीन के पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए प्रयास कर रही है। यूक्रेन एक युद्ध क्षेत्र है और हर कोई इसके बारे में जानता है। प्रयास किए जा रहे हैं और यदि संभव हुआ तो शव को वापस लाया जाएगा।
जीवित लोगों को लाना मुश्किल, शव और बड़ी चुनौती
विधायक ने कहा- जब जीवित लोगों को वापस लाना बहुत चुनौतीपूर्ण है, शव वापस लाना और भी कठिन हो गया है, क्योंकि एक मृत शरीर को लाने के लिए फ्लाइट में अधिक जगह लगती है। एक शव जितनी जगह में आता है, उतनी जगह में 8 से 10 लोग आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवीन के पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इससे पहले नवीन के पिता शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा ने कहा था कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि उनका शव दो दिनों के भीतर घर लाया जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई दोनों से अपने बेटे के शव को घर लाने में मदद करने का अनुरोध किया था।
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मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था नवीन
21 वर्षीय नवीन, जो खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था, एक किराने की दुकान के बाहर लाइन में था, तभी रूसी गोलीबारी की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई थी। उसके रूममेट के अनुसार, वह अन्य छात्रों के साथ एक बंकर में रह रहा था और मंगलवार को सीमा पर ट्रेन पकड़ने से पहले खाने का जरूरी सामान लेने के लिए बाहर निकला था।
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