सार
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब केंद्र और राज्य सरकारों की नींद टूटी है। जिसके बाद दोनों सरकारों ने प्रदूषण रोकने के लिए बैठक बुलाई हैं। जिसमें पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने सोमवार को वायु प्रदूषण पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।इस बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव हिस्सा लेंगे।
नई दिल्ली. प्रदूषण से दो-दो हाथ कर रहे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर की स्थितियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब केंद्र और राज्य सरकारों की नींद टूटी है। जिसके बाद दोनों सरकारों ने प्रदूषण रोकने के लिए बैठक बुलाई हैं। जिसमें पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने सोमवार को वायु प्रदूषण पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।इस बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव हिस्सा लेंगे। इसके अलावा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने सरकार से पूछा था सवाल
दिल्ली-एनसीआर में दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर वायु प्रदूषण का डेटा दिया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एयर क्लीनिंग डिवाइस को लगाने के लिए कितना समय लगेगा? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि चीन ने कैसे किया? कोर्ट में एक्सपर्ट ने बताया कि हमारे यहां 1 किलोमीटर वाला डिवाइस है, चीन में 10 किलोमीटर तक कवर करता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप छोटे इलाके को क्यों कवर करना चाहते हैं?
ऑड-ईवन पर दिल्ली सरकार को भी फटकारा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ये बताइए कि ऑड-ईवन से वायु प्रदूषण को लेकर कोई फायदा हुआ है या नहीं? दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि 10 अक्टूबर से हवा बेहद खराब हो गई। कोर्ट ने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित है कि जब प्रदूषण स्तर अपने चरम पर है और आपने ऑड-ईवन लागू किया है तो इसका क्या असर हुआ है? दिल्ली सरकार का आंकड़ा देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन से प्रदूषण पर कोई असर नहीं पड़ा।
मुख्य सचिवों को किया तलब
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब, यूपी और दिल्ली के मुख्य सचिवों को 29 नवंबर को बुलाया है। पराली जलाने से रोकने के लिए क्या कदम उठाया, इसका जवाब देने के लिए कोर्ट ने तलब किया है। इन चारों राज्यों को 25 नवंबर तक हलफनामा दायर करना है।