सार

खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कथित रूप से फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।
 

Umar Khalid bail: दिल्ली दंगों से जुड़े केस में अरेस्ट किए गए जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को राजधानी की एक अदालत ने जमानत दे दी है। उमर को एक सप्ताह की जमानत दी गई। अपनी बहन की शादी में शिरकत करने के लिए इजाजत खातिर उमर खालिद कोर्ट पहुंचे थे जिस पर सुनवाई करते हुए अंतरिम जमानत दी गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने खालिद को 23 से 30 दिसंबर तक राहत दी। खालिद को 30 दिसंबर को सरेंडर कर रिपोर्ट करना होगा।

दो हफ्ते के लिए मांगी थी जमानत

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता खालिद ने दो सप्ताह के लिए जमानत की अर्जी दी थी। खालिद ने कोर्ट को बताया था कि उसके बहन की शादी है और इसमें शामिल होने के लिए उसे जमानत दी जाए। अंतरिम जमानत पर सोमवार को दिल्ली की विशेष कोर्ट ने सुनवाई की है। कोर्ट ने खालिद को एक हफ्ते की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी। अंतरिम जमानत की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने की है। खालिद 23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक जमानत पर जेल से बाहर रहेंगे। उनको 30 दिसंबर को सरेंडर करना होगा।

खालिद पर दिल्ली दंगों के लिए साजिश रचने का है आरोप

उमर खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और आईपीसी के तहत कथित रूप से फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने का मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे। यह पूर्वी दिल्ली में यह दंगे नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़क उठे थे। प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी जिसके बाद पूरी दिल्ली कई दिनों तक दंगों की चपेट में रही। खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था।

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