सार

Delimitation 2026: तमिलनाडु CM MK Stalin की अगुवाई में Joint Action Committee (JAC) ने Delimitation प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया। दक्षिणी राज्यों और पंजाब के नेताओं ने बैठक में भाग लिया। जानें पूरी खबर।

 

Delimitation 2026: देशभर में लोकसभा व विधानसभा सीटों को लेकर हुए नए परिसीमन को लेकर दक्षिण राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चेन्नई में शनिवार को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (MK Stalin) की अगुवाई में हुई ज्वाइंट एक्शन कमेटी (JAC) मीटिंग में नई सीमांकन प्रक्रिया (Delimitation) के खिलाफ एकजुटता दिखी। जेएसी में दक्षिणी राज्यों और पंजाब के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग करते हुए नए प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया।

Delimitation पर JAC का स्टैंड

ज्वाइंट एक्शन कमेटी में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि लोकसभा सीटों के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया सभी राज्यों, राजनीतिक दलों और संबंधित हितधारकों की भागीदारी से होनी चाहिए। JAC ने चिंता जताई कि जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) को प्रभावी ढंग से लागू करने वाले राज्यों की लोकसभा सीटों में कटौती उनके साथ अन्याय होगा।

प्रस्ताव में कहा गया कि 1971 की जनगणना (1971 Census) के आधार पर सीटों को फ्रीज करने का निर्णय उन राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया था जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के कदम उठाए लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिरीकरण लक्ष्य (Population Stabilisation Goal) अब तक हासिल नहीं हुआ इसलिए इस फ्रीज को अगले 25 वर्षों तक बढ़ाने की जरूरत है।

JAC के प्रस्ताव में साफ कहा गया कि वे राज्य जिन्होंने प्रभावी रूप से जनसंख्या नियंत्रण लागू किया और जिनकी जनसंख्या हिस्सेदारी घटी है, उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए।

PM Modi को सौंपेंगे ज्ञापन, संसद में उठाएंगे मुद्दा

मीटिंग में यह तय किया गया कि एक Core Committee का गठन किया जाएगा जिसमें विभिन्न राज्यों के सांसद शामिल होंगे। यह समिति संसद में Delimitation के खिलाफ रणनीति तैयार करेगी।

JAC ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को एक संयुक्त ज्ञापन (Joint Representation) सौंपने की योजना बनाई है जिसमें संविधान संशोधन (Constitutional Amendment) की भावना के अनुरूप सीटों को फ्रीज करने की मांग होगी। इसके अलावा, JAC में शामिल राजनीतिक दल अपनी-अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को अपना रुख आधिकारिक रूप से सूचित करेंगे।

जनता को जागरूक करने के लिए अभियान

JAC ने घोषणा की कि Delimitation के संभावित प्रभावों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए एक बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा। इसमें यह बताया जाएगा कि यह प्रक्रिया कैसे दक्षिणी और कुछ अन्य राज्यों के राजनीतिक और आर्थिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है। JAC का कहना है कि इस मुद्दे पर जनता को जागरूक कर फेडरल स्ट्रक्चर (Federalism) और लोकतंत्र (Democracy) की रक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाया जाएगा।

बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?

बैठक में कई विपक्षी दलों (Opposition Parties) के बड़े नेता शामिल हुए। चेन्नई में हुई इस अहम बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan), तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy), पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann), कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार (DK Shivakumar), BRS नेता के.टी. रामाराव (KT Rama Rao), YSRCP, कांग्रेस, CPM, CPI, BJD और AAP के कई नेता भी बैठक में शामिल हुए।