सार

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी गई हैं। शुक्रवार को भारत सरकार के कानून मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर 20 मई से आयोग की सिफारिशों के प्रभावी होने की जानकारी दी है। परिसीमन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा व लोकसभा क्षेत्रों का भूगोल व आरक्षण बदल जाएगा। 
 

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) का आदेश 20 मई से प्रभावी हो गया। परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों को नए सिरे से परिसीमन करने के बाद परिभाषित किया है। कानून मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। नए परिसीमन के अनुसार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा व संसदीय क्षेत्रों की सीटें, उनका आकार व अन्य डिटेल नए सिरे से परिभाषित कर दिया गया है। साथ ही राज्य में विधानसभा व संसदीय क्षेत्रों का विभिन्न श्रेणियों के लिए आरक्षण भी तय कर दिया गया है।

परिसीमन आयोग की सिफारिश प्रभावी होने के बाद चुनाव की आहट

आयोग की रिपोर्ट जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में भविष्य के विधानसभा चुनावों का आधार बनेगी। परिसीमन पैनल ने जम्मू क्षेत्र को छह अतिरिक्त विधानसभा सीटें और एक कश्मीर घाटी को दी थी और अनंतनाग संसदीय सीट के तहत राजौरी और पुंछ के क्षेत्रों को लाया था। 90 सदस्यीय सदन में अब जम्मू संभाग में विधानसभा की 43 और कश्मीर में 47 सीटें होंगी। जम्मू में विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो गई है।

कानून मंत्रालय ने क्या कहा अधिसूचना में?

शुक्रवार को एक अधिसूचना में, कानून मंत्रालय ने कहा, "जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) की धारा 62 की उप-धारा (2) और (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एतद्द्वारा 20 मई, 2022 को उस तारीख के रूप में नियुक्त करता है, जिस दिन परिसीमन आयोग के आदेश, आदेश संख्या 1, दिनांक 14 मार्च, 2022 और आदेश संख्या 2, दिनांक 5 मई, 2022,...लागू होता है।

विपक्ष ने लगाया मनमानी करने का आरोप

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) के सिफारिशों की खिलाफत की है। परिसीमन आयोग के रिपोर्ट को लेकर बीते दिनों श्रीनगर (Srinagar) में हाई सिक्योरिटी जोन गुपकार रोड (Gupkar road) पर फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने मीटिंग कर विरोध दर्ज कराया था। फारूख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले गुपकार गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के आवंटन को लेकर परिसीमन आयोग की सिफारिशों का विरोध किया है। आयोग ने कश्मीर में एक सीट के मुकाबले जम्मू प्रांत के लिए छह अतिरिक्त सीटों का प्रस्ताव किया है, जो पूर्व राज्य के दोनों प्रांतों के जनसंख्या अनुपात के विपरीत है। आयोग की इस सिफारिश पर विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि प्रस्तावित सीट आवंटन एक व्यक्ति एक वोट के वयस्क मताधिकार के खिलाफ जाता है। जबकि आयोग ने कहा है कि सीटों के बंटवारे में आबादी के अलावा प्रशासनिक इकाइयों, क्षेत्र और सीमा से निकटता जैसे अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है।