सार

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में सुगंधित कंडोम (flavoured condoms) की मांग बढ़ गई है। यहां के युवक कंडोम का इस्तेमाल गर्भनिरोधक या यौन रोगों से बचाव के साधन के रूप में नहीं कर रहे हैं। 
 

दुर्गापुर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में सुगंधित कंडोम (flavoured condoms) की मांग अचानक बढ़ गई है। कंडोम की मांग इतनी अधिक बढ़ गई है कि स्थानीय दुकानदार इसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कंडोम की मांग में आई तेजी के कारण की पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। 

युवक कंडोम का इस्तेमाल पीने के लिए कर रहे थे। जी हां, यह सच है। कंडोम को यौन रोगों से बचने और गर्भनिरोधक के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बनाया गया है, लेकिन दुर्गापुर के कुछ युवक इसका इस्तेमाल नशे के लिए कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ युवक कंडोम के एडिक्ट हो गए हैं। ये कंडोम को गर्म पानी में रखते हैं और बाद में उस पानी को पीते हैं। इसके चलते उन्हें 10-12 घंटे तक नशा रहता है।

दुकानों से कंडोम के पैकेट गायब
दुर्गापुर सिटी सेंटर, बिधाननगर, बेनाचिटी, मुचिपारा, सी जोन और ए जोन जैसे इलाकों में कंडोम की मांग बढ़ी है। मेडिकल शॉप चलाने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि पहले हर दुकान से रोज 3-4 पैकेट कंडोम की बिक्री होती थी। अब मांग इतनी अधिक बढ़ गई है कि कंडोम के पैकेट तुरंत खत्म हो जाते हैं।

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अल्कोहल में बदल जाते हैं कंडोम के कम्पाउंड
दुर्गापुर डिविजनल हॉस्पिटल में काम करने वाले धीमान मंडल ने युवकों के कंडोम एडिक्ट होने की वजह के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कंडोम में मौजूद सुगंधित कम्पाउंड गर्म किए जाने पर अल्कोहल के रूप में टूट जाते हैं। अगर कोई इसे पीता है तो इसकी लत लग जाती है। इस तरह का सुगंधित कम्पाउंड डेंड्राइट गोंद में भी पाया जाता है। इसके कारण बहुत से लोग डेंड्राइट का इस्तेमाल नशे के लिए भी करते हैं। 

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दुर्गापुर आरई कॉलेज मोडेल स्कूल के केमिस्ट्री के शिक्षक नुरुल हक ने कहा कि कंडोम को गर्म पानी में अधिक देर तक रखने पर उसके बड़े कार्बनिक अणु टूट जाते हैं और अल्कोहल कम्पाउंड बनाते हैं। इसे पीने से नशा होता है।