सार
दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत में मंगलवार सुबह घने कोहरे ने सूरज को ढक लिया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता(visibility) घटकर महज 50 मीटर रह गई। इससे रोड ट्रैफिक तथा ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली से आने-जाने वाली 15 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
नई दिल्ली(New Delhi). दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत में मंगलवार सुबह घने कोहरे ने सूरज को ढक लिया, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता(visibility) घटकर महज 50 मीटर रह गई। इससे रोड ट्रैफिक तथा ट्रेन की आवाजाही प्रभावित हुई। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली से आने-जाने वाली 15 ट्रेनें देरी से चल रही हैं, जबकि दो के समय में बदलाव किया गया है। पढ़िए आगे क्या?
जानिए मौसम विभाग ने और क्या है?
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ने की भविष्यवाणी की है। ठंडा दिन तब होता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री कम होता है। अत्यधिक ठंडा दिन वह होता है जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक होता है।
विंडचिल फैक्टर(windchill factor) हवा की गति(wind speed) पर आधारित है
मौसम विभाग के अनुसार,ठंड के मौसम में हवा की गति जितनी अधिक होती है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बाहर होता है, तो त्वचा पर ठंडक महसूस होती है। दिल्ली ने सोमवार को 15 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) की शीर्ष हवा की गति देखी। मंगलवार को 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। विंड चिल सतह पर बहने वाली हवा का शीतलन या ठंडा प्रभाव होता है। दिल्ली ने सोमवार को 15 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) की शीर्ष हवा की गति देखी। मंगलवार को 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
अगर सिर्फ दिल्ली की बात करें, तो राजधानी में सोमवार को कड़ाके की ठंड रही, जहां अधिकतम तापमान कुछ स्थानों पर सामान्य से 10 डिग्री नीचे गिर गया। दिल्ली के प्राइमरी वेदर स्टेशन सफदरजंग ऑब्जरवेटरी ने सोमवार को अधिकतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से छह डिग्री कम है और 17 दिसंबर, 2020 के बाद से दिसंबर में सबसे कम दिन का तापमान है। मंगलवार को सफदरजंग का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
टेम्परेचर गिरने की ये हैं वजहें
मौसम विज्ञानियों ने दिन के तापमान में तेज गिरावट के लिए मैदानी इलाकों से गुजरने वाली ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाओं(frigid north westerly winds) और कोहरे के मौसम(foggy weather) के कारण कम धूप को जिम्मेदार ठहराया है। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ(western disturbance) के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई और इसके पीछे हटने के बाद अब ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं मैदानी इलाकों में चल रही हैं। उन्होंने कहा कि विंड चिल फैक्टर भी ज्यादा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), हरियाणा, पंजाब, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मंगलवार को घना से बहुत घना कोहरा छाया रहा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बहुत घना कोहरा तब होता है जब दृश्यता 0 और 50 मीटर के बीच होती है, 51 और 200 मीटर घना, 201 और 500 मध्यम, और 501 और 1,000 उथला होता है।
कब होती है शीतलहर की घोषणा?
मैदानी इलाकों में यदि न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम होता है और सामान्य से 4.5 डिग्री कम होता है, तो आईएमडी शीत लहर(cold wave) की घोषणा करता है। एक गंभीर शीत लहर तब होती है] जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है।
(सड़क हादसे की दोनों तस्वीरें फतेहपुर की हैं। मंगलवार, 27 दिसंबर को फतेहपुर में एक रोडवेज बस और एक ट्रेलर ट्रक के बीच टक्कर के हो गई। अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 1 व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हादसे की वजह कोहरे में ड्राइवर को आगे नहीं दिख पाना है)
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