सार

झारखंड के देवघर में हुए रोप-वे हादसे (Deoghar ropeway accident ) में 46 लोगों को मौत के मुंह से निकाल लाने वाले जवानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात की। इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।

नई दिल्ली। झारखंड (Jharkhand) के देवघर में हुए रोप-वे हादसे (Deoghar Ropeway Accident) में अपनी जांबाजी से 46 लोगों को मौत के मुंह से निकाल लाने वाले जवानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बात की। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने वाले जवानों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि देश को आपपर गर्व है।

नरेंद्र मोदी ने बचाव अभियान चलाने वाले जवानों से कहा कि आपने तीन दिनों तक चौबीसों घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की जान बचाई है। देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है। हालांकि हमें दुख है कि 3 साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाए। अनेक साथी घायल भी हुए हैं। पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है। मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।  

वायुसेना ने अद्भुत कौशल दिखाया
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वायुसेना ने अद्भुत कौशल दिखाया है। वायुसेना के जवानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाई है। मैं एयरफोर्स के साथियों की प्रशंसा करता हूं। एनडीआरएफ के जवानों ने देश में अपनी एक खास पहचान बनाई है। यह पहचान जवानों ने अपने पराक्रम से बनाई है। आप सभी ने इस अभियान के दौरान जिस धैर्य का परिचय दिया है वह प्रशंसनीय है। इस तरह के हादसे फिर से नहीं हो यह बेहद जरूरी है। 

वर्दी देखकर जग जाती है लोगों की उम्मीद
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले दिन शाम को यह खबर आई कि हेलिकॉप्टर ले जाना कठिन है। यह चिंता का विषय था। जिस कोऑर्डिनेशन के साथ आपलोगों ने काम किया यह काफी मायने रखता है। आपकी तेजी ही ऐसे मामलों में सफलता और असफलता तय करती है। मुश्किल से मुश्किल चुनौती के सामने अगर हम धैर्य के साथ काम करते हैं तो सफलता मिलती ही है। आप सभी ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिस धैर्य का परिचय दिया वो अतुलनीय है।

वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है। संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है। उनमें नई उम्मीद जाग जाती है। इस आपदा ने एक बार फिर ये स्पष्ट कर दिया कि जब भी देश में कोई संकट होता है तो हम सब मिलकर एक साथ उस संकट से मोर्चा लेते हैं और उस संकट से निकलकर दिखाते हैं। सबके प्रयास ने इस आपदा में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। 

संवेदनशीलता और साहस का पर्याय रहा है यह ऑपरेशन
यह पूरा ऑपरेशन संवेदनशीलता और साहस का पर्याय रहा है। मैं हादसे में बचे सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं। लोगों ने लटके-लटके कई घंटे बिताए, रातभर नहीं सोये। फंसे हुए लोगों ने हिम्मत दिखाई। प्रधानमंत्री ने राहत अभियान में लगे लोगों से कहा कि अपने अनुभवों को लिख लें। इसका डॉक्यूमेंटेशन जरूरी है ताकि आगे यह अनुभव काम आए और यह जवानों के ट्रेनिंग का हिस्सा बन सके। 

45 घंटे चला था रेस्क्यू ऑपरेशन
इस बातचीत में आर्मी, एयरफोर्स, NDRF, ITBP के जवानों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और सिविल सोसाइटी की टीम भी शामिल हुए। बता दें कि रविवार को रामनवमी के दिन त्रिकूट पर्वत रोपवे पर हुए इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 45 घंटे चले ऑपरेशन के बाद 46 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया था।

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देवघर में श्रद्धालुओं की जान बचाने के लिए जवानों ने 45 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए। इस अभियान में कुल 290 से ज्यादा जवान दिन रात लगे हुए थे। आर्मी के एक बिग्रेडियर, दो कर्नल और 50 जवान के साथ ही मेडिकल टीम इस रेस्क्यू अभियान का हिस्सा थी। एयरफोर्स की टीम में पांच हेलीकॉप्टर और 20 मेंबर थे। NDRF के 70, ITBP के  50 जवान इस बचाव कार्य में शामिल थे। इसके साथ ही लोकल पुलिस और जिला प्रशासन के 100 से ज्यादा जवान और अधिकारी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचाने में अहम भूमिका निभाई। रेस्क्यू अभियान के दौरान स्थानीय लोगों ने भी जवानों की खूब मदद की।

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