सार
DGCA ने कहा है कि भारत के एयरलाइंस कंपनियों ने सभी स्टेशनों पर योग्य इंजीनियरिंग कर्मियों को तैनात किया है। पिछले दिनों विमानों में आई तकनीकी खराबी की कई घटनाओं की जांच के बाद DGCA ने एयरलाइंस कंपनियों को इस संबंध में आदेश दिया था।
नई दिल्ली। भारत के एविएशन रेगुलेटर DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने गुरुवार को कहा कि भारत के एयरलाइंस कंपनियों ने सभी स्टेशनों पर योग्य इंजीनियरिंग कर्मियों को तैनात कर दिया है। DGCA ने कंपनियों को इस संबंध में आदेश दिया था।
दरअसल, भारतीय एयरलाइंस के विमानों में पिछले 45 दिनों के दौरान कई तकनीकी खराबी की घटनाएं सामने आई थी। इसके चलते डीजीसीए ने 18 जुलाई को कहा था कि उसने मौके की जांच की और पाया कि अपर्याप्त और अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मी विभिन्न एयरलाइंस के विमानों को उड़ान से पहले प्रमाणित कर रहे हैं। उड़ान भरने से पहले प्रत्येक विमान को रखरखाव इंजीनियर (एएमई) द्वारा जांचा और प्रमाणित किया जाता है। डीजीसीए ने 18 जुलाई को एयरलाइंस को 28 जुलाई तक पर्याप्त और योग्य इंजीनियरिंग कर्मियों को तैनात करने के लिए कहा था।
विमानों में तकनीकि खराबी की घटनाएं सामने आने के बाद हुई थी जांच
गुरुवार को DGCA ने कहा कि हाल के दिनों में विमानों में तकनीकि खराबी से संबंधित घटनाओं में वृद्धि की रिपोर्टों के आधार पर कई ऑडिट और स्पॉट चेक किए गए। इसमें रिपोर्ट की गई खराबी के कारण की पहचान, न्यूनतम उपकरण सूची (एमईएल) की बढ़ती प्रवृत्ति और प्रमाणित करने वाले कर्मचारी की कमी के बारे में बताया गया था। "एमईएल रिलीज" का मतलब है कि मरम्मत किए जाने तक एक निश्चित अवधि के लिए एक विमान को कुछ निष्क्रिय उपकरणों के साथ उड़ान भरने की अनुमति है।
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DGCA ने कहा कि कमियों को दूर करने के लिए एयरलाइंस के साथ कई बैठकें की गईं। उन्हें सभी स्टेशनों पर आवश्यक स्टाफ उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विमान के उड़ान भरने से पहले सभी खराबी को ठीक कर लिया गया है। सभी एयरलाइनों ने सूचित किया है कि सभी स्टेशनों को अब अस्थायी पोस्टिंग या फ्लाइट ड्यूटी पर भेजकर टाइप रेटेड प्रमाणित कर्मचारियों द्वारा संचालित किया गया है।
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