सार
चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को आदेश दिया है कि रायथु बंधु योजना के तहत किए जाने वाले सभी भुगतान को रोक दे।
हैदराबाद। तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दिया है। आयोग ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार से कहा है कि वह रायथु बंधु योजना के माध्यम से किसानों को किए जाने वाले सभी भुगतान रोक दे। चुनाव आयोग ने पैसे बांटने के तेलंगाना सरकार के अधिकार को वापस ले लिया है।
चुनाव आयोग ने आदेश दिया, "इस योजना के तहत तब तक कोई भुगतान नहीं किया जाएगा जब तक कि तेलंगाना राज्य में सभी रूपों में आदर्श आचार संहिता लागू है।" इसका मतलब है कि नई सरकार बनने तक राज्य सरकार किसानों को पैसे नहीं दे पाएगी।
चुनाव आयोग ने पहले दी थी रबी की किस्त बांटने की अनुमति
शुरू में चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू होने के बाद भी राज्य सरकार को किसानों के बीच रबी की किस्त बांटने की अनुमति दी थी। यह अनुमति कड़ी शर्तों के साथ आई थी। इसमें 30 नवंबर को मतदान से पहले किसी तरह की सार्वजनिक घोषणा पर रोक शामिल थी।
चुनाव आयोग ने अपना रुख पलटते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस अनुमति को वापस लेने की सूचना दी। यह फैसला रबी किश्तों के जल्द वितरण के संबंध में राज्य के वित्त मंत्री की सार्वजनिक घोषणा के जवाब में आया है।
रायथु बंधु योजना क्या है?
रायथु बंधु योजना 2018 में बीआरएस द्वारा शुरू की गई थी। इससे राज्य के किसानों को फसल लगाने के लिए 5,000 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाती है। सरकार लाभार्थी किसानों को साल में दो बार धनराशि देती है। अब तक बीआरएस सरकार किसानों को 10 बार फंड जारी कर चुकी है। 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से तेलंगाना सरकार ने 65,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की है।
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वित्त वर्ष 2018-19 के बजटीय आवंटन में इस योजना के लिए 12,000 करोड़ रुपए अलग रखे गए थे। वर्ष 2023-24 के लिए इसे बढ़ाकर 15,075 करोड़ रुपए किया गया है।
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