सार

हाल में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में आग लगने के कई मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने एक जांच समिति(probe committee) गठित की थी। इसकी जांच में बैटरी लगने के पीछे 2 बड़ी वजहें सामने आई हैं। समिति का गठन पिछले महीने ओकिनावा ऑटोटेक, बूम मोटर, प्योर ईवी, जितेंद्र ईवी और ओला इलेक्ट्रिक से संबंधित ई-स्कूटर की बैटरी में विस्फोट होने की समस्या का पता करने किया गया था। पढ़िए पूरा मामला...

नई दिल्ली. पर्यावरण संरक्षण और पाल्यूशन रोकने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को प्रमोट किया जा रहा है। लेकिन पिछले दिनों इन व्हीकल्स में आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने एक जांच समिति(probe committee) गठित की थी। इसकी जांच में बैटरी लगने के पीछे 2 बड़ी वजहें सामने आई हैं। जांच समिति ने देश में लगभग सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया (2W) में आग की घटनाओं में बैटरी सेल या डिजाइन( battery cells or design) में खामियां पाई हैं। बैटरी सेल का अर्थ है मूल विद्युत रासायनिक इकाई(basic electrochemical unit), जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। जांच  समिति का गठन पिछले महीने ओकिनावा ऑटोटेक, बूम मोटर, प्योर ईवी, जितेंद्र ईवी और ओला इलेक्ट्रिक से संबंधित ई-स्कूटर की बैटरी में विस्फोट होने की समस्या का पता करने किया गया था।

बैटरी की डिजाइन में समस्या
समाचार एजेंसी IANS ने सूत्रों के हवाले से कहा कि विशेषज्ञों ने तेलंगाना में बैटरी विस्फोट सहित लगभग सभी EV में आग लगने के पीछे बैटरी सेल्स के साथ-साथ बैटरी डिजाइन में दोष पाया है। अब विशेषज्ञ इस समस्या के समाधान के लिए ईवी निर्माताओं के साथ मिलकर काम करेंगे।

बता दें कि तेलंगाना के निजामाबाद जिले में एक प्योर ईवी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर( Pure EV electric two-wheeler) की बैटरी फट जाने से एक 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में आग लगने से जुड़ी एक अन्य दुखद घटना आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुई थी। यहां एक 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। वो अपने घर में बूम मोटर्स के ई-स्कूटर की बैटरी चार्ज कर रहा था। इस घटना में कोटाकोंडा शिव कुमार की पत्नी और दो बेटियां भी गंभीर रूप से झुलस गई थीं।

देश में अब तक तीन प्योर ईवी, एक ओला, तीन ओकिनावा और 20 जितेंद्र ईवी स्कूटर में आग लग चुकी है। इसके बाद उनकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इन हादसों के बाद ओला इलेक्ट्रिक पहले ही 1,441 वाहनों को वापस बुला चुकी है, ताकि उस विशिष्ट बैच के स्कूटरों पर प्री-इम्पेक्टिव डायग्नोस्टिक्स और स्वास्थ्य जांच की जा सके।

सरकार और हाईकोर्ट ने अपनाया है ये रुख
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इसी सप्ताह इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्य बीमा के निर्देश की मांग वाली याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में बीमा कवरेज के अलावा निर्माताओं द्वारा वाहन में विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाली बैटरी सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है, ताकि ओवरहीटिंग और आग की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

इससे पहले ईवी निर्माताओं को आगाह करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गुणवत्ता केंद्रित दिशा-निर्देश जारी करेगी। गडकरी ने पिछले महीने ईवी निर्माताओं को चेतावनी दी थी कि यदि कोई कंपनी उनकी प्रक्रियाओं में लापरवाही बरतती है, तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सभी दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का भी आदेश दिया जाएगा। हालांकि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों का भी खंडन किया है, जिनमें दावा किया गया है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के मद्देनजर बाजार में कोई भी नया उत्पाद लॉन्च करने से परहेज करने को कहा है। गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को जनता के बीच अधिक लोकप्रिय बनाना चाहती है।  ईवी उद्योग अभी शुरू हुआ है। इसलिए कोई बाधा नहीं डालना चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

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