सार

ईडी की मानें तो कोरोना लॉकडाउन 2020 के बाद से ही पेमेंट गेटवे रेजर पे केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर है। रेजर पे से करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन की आशंका है। लोन एप्स के माध्यम से भोले भाले लोगों को कर्ज देकर फंसाया जाता है। इन से जबरिया लोन वसूली की जाती है।

ED freezed Razorpay assets: चीनी नागरिकों द्वारा कंट्रोल किए जा रहे लोन एप के संचालन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी ने रेजरपे पर बड़ी कार्रवाई की है। पेमेंट गेटवे रेजरपे व कुछ बैंकों के 78 करोड़ रुपये ईडी ने जब्त कर लिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने यह कार्रवाई Razorpay और कुछ बैंकों के ठिकानों पर रेड के बाद की है। ईडी ने यह रेड 19 अक्टूबर को बेंगलुरू में 5 ठिकानों पर की थी। 

बेंगलुरू पुलिस ने 18 एफआईआर जबरन वसूली व उत्पीड़न के किए हैं दर्ज

दरअसल, बेंगलुरू पुलिस के साइबर ब्रांच ने कई संस्थाओं व व्यक्तियों के खिलाफ करीब 18 एफआईआर दर्ज किए हैं। इन पर आरोप है कि यह लोगों को फंसाकर उनको मोबाइल एप के जरिए छोटी रकम लोन के रूप में दी थी। इसके बाद जबरिया वसूली व उत्पीड़न करते हैं। बताया जा रहा है कि इन लोन एप्स को चाइना से संचालित किया जाता है। आरोपी संस्थाओं ने कथित तौर पर भारतीय लोगों के जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उनको डमी निदेशक बनाया और फिर गैर कानूनी ढंग से धन एकत्र किए।

करोड़ों रुपये की लेनदेन सामने आने के बाद ईडी ने की एंट्री

साइबर पुलिस की जांच के बाद यह सामने आया कि इन लोन एप्स के माध्यम से करोड़ों रुपये की लेनदेन की गई है। संदिग्ध रूप से धन के ट्रांसफर की बात सामने आने के बाद ईडी ने मामले की जांच अपने हाथों में ले लिया। ईडी ने कहा ने बताया कि आरोपी संस्थाएं भुगतान गेटवे और बैंकों के पास विभिन्न मर्चेंट आईडी / खातों के माध्यम से अपना संदिग्ध / अवैध व्यवसाय कर रही थीं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवाईसी कर अवैध धन बना रही थीं। ईडी ने इन चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी (पेमेंट गेटवे में रखे गए) और बैंक खातों में 78 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है। अबतक इस केस में 95 करोड़ रुपये से अधिक रुपये जब्त किए गए हैं।

कोविड लॉकडाउन के बाद से ही ईडी के निशाने पर रेजरपे

ईडी की मानें तो कोरोना लॉकडाउन 2020 के बाद से ही पेमेंट गेटवे रेजर पे केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर है। रेजर पे से करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन की आशंका है। ईडी के अनुसार बीते दिनों पीएमएलए के तहत जांच शुरू की गई थी। लोन एप्स के माध्यम से भोले भाले लोगों को कर्ज देकर फंसाया जाता है। इन से जबरिया लोन वसूली की जाती है। भारी भरकम ब्याज की वजह से यह उसे लौटाने में असफल होते हैं तो अपना जीवन समाप्त कर ले रहे हैं। पुलिस ने बताया कि लोन एप्स से मिले लोन की वसूली करने वाले लोगों को धमकाते हैं और परेशान करते हैं।

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