सार

दिग्गज नेता AV Gopinath ने करीब 50 साल तक कांग्रेस (Congress  से जुड़े रहने के बाद कुछ महीने पहले ही पार्टी छोड़ी है। गोपीनाथ ने अभी यह तय नहीं किया है कि वह भविष्य में किसके साथ जुड़ेंगे। 

पलक्कड़। तृणमूल कांग्रेस (TMC) केरल में अपनी जड़ें जमाने में लगी है। राज्य के राजनीतिक समीकरण के बीच वह खुद को तीसरे मोर्चे के लिए तैयार कर रही है। इसके लिए पार्टी कुछ नेताओं के संपर्क में है। पलक्कड़ के अलाथुर से विधानसभा के पूर्व सदस्य एवी गोपीनाथ भी इन नेताओं में से एक हैं। दिग्गज नेता ने करीब 50 साल तक कांग्रेस (Congress) से जुड़े रहने के बाद कुछ महीने पहले ही पार्टी छोड़ी है। गोपीनाथ ने अभी यह तय नहीं किया है कि वह भविष्य में किसके साथ जुड़ेंगे। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे टीएमसी से जुड़ रहे हैं। एशियानेट के  याकूब ने उनसे इस संबंध में चर्चा की। मुख्य अंश...

सवाल : इतने लंबे समय तक पार्टी से जुड़े रहने के बाद आपने कांग्रेस क्यों छोड़ी?
- मुझे राहुल गांधी के नेतृत्व में (कांग्रेस नेता के रूप में) काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मैं कोई राजनेता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं। मुझे केवल कांग्रेस पार्टी की सेवा करना अच्छा लगता है, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं (चाटुकारिता का सहारा नहीं लेता), जो कि मुख्य समस्या है। मुझे कांग्रेस पार्टी की नीतियां पसंद हैं।

सवाल : आपको अभी तय करना है कि किस पार्टी में शामिल होंगे? 
- मैं अपने जिले (पलक्कड़) के सभी कांग्रेस नेताओं और अपने समर्थकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं। पिछले 60 वर्षों में (पलक्कड़ में) ग्राम पंचायतों के यहां केवल कांग्रेस शासन कर रही थी, और कोई अन्य पार्टी सत्ता में नहीं आई है। यहां नेताओं से चर्चा के बाद मैं फैसला लूंगा।

सवाल : खबरें हैं कि टीएमसी आपको पार्टी में शामिल करने के लिए लुभाने की कोशिश कर रही है। क्या टीएमसी का कोई नेता आपके पास पहुंचा है?
- हां किसी ने मुझसे तृणमूल कांग्रेस में आने और शामिल होने के लिए संपर्क किया। हालांकि, मैं इस समय पार्टी को लेकर बहुत ज्यादा नहीं सोच रहा। मैं अगला कदम तय करने के लिए अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं। हम न्याय चाहते हैं (कांग्रेस पार्टी में)। हमें कांग्रेस पार्टी में न्याय नहीं मिलता। कोई एकता नहीं है, और कांग्रेस विभिन्न समूहों में विभाजित है। हमने अब 6 ग्राम पंचायतें खो दी हैं।

सवाल : क्या आपको लगता है कि TMC जैसी पार्टी केरल में अपना आधार स्थापित कर सकती है?
- वे (टीएमसी) मेरे दोस्तों को बुला रहे हैं और पूछ रहे हैं। मैं सिर्फ स्थिति देख रहा हूं। हमारे नेता चर्चा कर रहे हैं कि टीएमसी में शामिल हों या सीएमपी (कम्युनिस्ट मार्क्सवादी पार्टी)। हम फैसला नहीं कर पा रहे हैं। हमारी चर्चा जारी है।
हां! केरल में (टीएमसी के बढ़ने की 80 फीसदी संभावना है)। यहां (केरल) स्थिति कम्युनिस्ट विरोधी और कांग्रेस विरोधी है। लोग न तो कांग्रेस को पसंद करते हैं और न ही सीपीएम को।

सवाल : वर्तमान में केरल कांग्रेस को क्या समस्या है?
- केरल कांग्रेस लगभग खत्म है। आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने खतरनाक स्थिति होगी। यहां की मुख्य समस्या गुटबाजी है। पार्टी ए, बी, सी जैसे समूहों में विभाजित है, लेकिन यहां कांग्रेस नहीं है। असली कांग्रेसी कार्यकर्ता खामोश है। वे किसी भी राजनीतिक पहल में शामिल नहीं हैं।

सवाल : कुछ दिन पहले स्कूली बच्चों को 'आई एम बाबरी' का बैज पहनाए जाने के वीडियो और तस्वीरें सामने आई थीं। क्या आपको लगता है कि केरल सांप्रदायिक विमर्श बढ़ रहा है?
- यह सही है। एसडीपीआई, मुस्लिम लीग और अन्य के कारण केरल में सांप्रदायिक स्थिति है।

सवाल : भाजपा का दावा है कि राज्य सरकार एसडीपीआई की ओर आंखें मूंद रही है। इस मामले में आपका क्या ख्याल है?
- यह सही नहीं है। सीपीएम केरल में एसडीपीआई और अन्य पार्टियों (सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप) का समर्थन नहीं करती है। यह आकलन (एसडीपीआई का समर्थन करने वाली सरकार का) सही नहीं है।

सवाल : क्या आपने कभी भाजपा में शामिल होने के बारे में सोचा? 
- मैं अभी भी एक कांग्रेसी हूं। मैंने सिर्फ पार्टी से इस्तीफा दिया है। लेकिन मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता अब भी हूं। हालांकि, पार्टी केरल और पूरे भारत में प्रगति नहीं कर रही है, इस पर मैं क्या कर सकता हूं? हमारे सामाजिक कार्यों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के विकास के लिए पार्टी ने कुछ नहीं किया। इसलिए इसे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मैं एक कांग्रेसी हूं, और मुझे कांग्रेस का समाजवाद और लोकतंत्र पसंद है। लेकिन मुझे व्यक्तिवाद (केवल एक व्यक्ति को महत्व देना) पसंद नहीं है। 

सवाल : क्या एलडीएफ और यूडीएफ के अलावा केरल में तीसरे मोर्चे की संभावना है?
-यदि वे केरल में अच्छे नेताओं को शामिल करते हैं तो तीसरा मोर्चा धीरे-धीरे विकसित हो सकता है। अगर कांग्रेस, टीएमसी और किसी अन्य दल के नेता एक साथ आते हैं, तो केरल में तीसरा मोर्चा काफी संभव है।

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