सार
दोस्ती हो; तो ऐसी: जॉर्जिया की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 17वीं सदी की जॉर्जिया की महारानी संत केतेवन के अवशेष वहां की सरकार को सौंपे। जयशंकर दो दिन की यात्रा पर जॉर्जिया में हैं। महारानी के ये अवशेष 16 साल पहले गोवा में मिले थे।
नई दिल्ली. पुरानी यादों से जुड़े अवशेष किसी भी देश के अमूल्य निधि होते हैं। वर्षों बाद जब ये चीजें हाथ लगती है, तो दिन बहुत भावुक करने वाला होता है। कुछ ऐसा ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर की दो दिन जॉर्जिया के दौरान त्बिलिसी में देखने को मिला। जयशंकर अपने साथ 17वीं शताब्दी की महारानी सेंट क्वीन केतेवन के पवित्र अवशेष लेकर शुक्रवार को जॉर्जिया पहुंचे। यहां उनका स्वागत जॉर्जियाई समकक्ष डेविड ने गर्मजोशी और अपनेपन के साथ किया। जब जयशंकर ने डेविड को महारानी के पवित्र अवशेष सौंपे, तो वे भावुक हो उठे। उल्लेखनीय है कि ये अवशेष 16 साल पहले गोवा में मिले थे।
शनिवार तक जॉर्जिया में मौजूद रहेंगे जयशंकर
विदेश मंत्री की जॉर्जिया यात्रा का शनिवार को अंतिम दिन है। इस दौरान वे जॉर्जिया के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे और भविष्य में साथ काम करने या सहयोग की अपेक्षाओं के साथ दोस्ती को और मजबूत करेंगे। बता दें कि जॉर्जिया पूर्वी यूरोप और पश्चिम एशिया के बीच का एक महत्वपूर्ण देश है।
जयशंकर ने बताया इसे महत्वपूर्ण यात्रा
विदेश मंत्री ने अपनी इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। जयशंकर की यह पहली जॉर्जिया यात्रा है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों का विस्तार करेगी।