सार

जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बारे में एक साथ बात किए जाने पर स्पष्ट रूप से आपत्ति जताते हुए भारतीय संवाददाताओं से कहा, "आप एक ऐसे देश को कैसे साथ जोड़कर देख सकते हो, जो आपकी अर्थव्यवस्था का आठवां हिस्सा है... जो 'छवि के हिसाब से' आपसे एकदम विपरीत है?" 

वॉशिंगटन (Washington). विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान को 'साथ जोड़ने' की कोशिशों पर सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा वे लोग कर रहे हैं जिनके दिमाग पर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने का घटनाक्रम हावी है।

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान छवि के हिसाब से भारत से एकदम विपरित
जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बारे में एक साथ बात किए जाने पर स्पष्ट रूप से आपत्ति जताते हुए भारतीय संवाददाताओं से कहा, "आप एक ऐसे देश को कैसे साथ जोड़कर देख सकते हो, जो आपकी अर्थव्यवस्था का आठवां हिस्सा है... जो 'छवि के हिसाब से' आपसे एकदम विपरीत है?" जयशंकर ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान को 'साथ जोड़े' जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस तर्क से तो भारत को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे किसी भी बातचीत में पाकिस्तान आए।

ये बात वही कर रहे हैं जिन्हें लगता है कि हमें 370 के बारे में कुछ नहीं करना चाहिए था  
जयशंकर ने कहा, "इसलिए, अफगानिस्तान के बारे में बात नहीं कीजिए, बल्कि दक्षिण एशिया की भी बात नहीं कीजिए। मुझे लगता है कि लोगों के दिमाग पर यह हावी हो गया है। यह तर्क अकसर वे लोग देते हैं जिनका मानना है कि हमें आर्टिकल 370 के बारे में कुछ नहीं करना चाहिए था।" उनका कहना है कि इसे लेकर उनमें "सहिष्णुता बहुत कम" है।