सार

पुणे में आयोजित सेमिनार में भारत के एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर एस जयशंकर ने कहा कि भारत 2014 के बाद से बदल रहा है। ऐसे में आतंकवाद से निपटने के लिए सारे नियम फॉलो करें ये जरूरी नहीं  है। 

नेशनल। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी सधे भाषण और हाजिर जवाब के लिए जाने जाते हैं। फिलहाल विदेश मंत्री ने पुणे में आयोजित एक यूथ सेमिनार में हिस्सा लेने के दौरान आतंकवाद के सवाल पर कहा है कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए किसी भी तरह के रूल्स रेगुलेशन फॉ़लो करने की जरूरत नहीं होती है। जरूरत और परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेकर एक्शन लिया जाता है। यह एक्शन आतंकवाद के खिलाफ होना चाहिए नियमों में रहकर या नियमों से बाहर रहकर, फर्क नहीं पड़ता है।  

आतंकवादी नियमों में बंधकर हमले नहीं करते
पुणे में आयोजित सेमिनार के दौरान भारत के फॉरेन एंड एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी जब हमले करते हैं तो वह नियमों में बंधकर कुछ नहीं करते हैं। उनका मकसत आतंकवाद फैलान और लोगों की जाने लेना होता है। वह कोई नियम फॉलो नहीं करते हैं। ऐसे में उनसे निपटने के लिए भी सारे रूल्स फॉलो करने लगेंगे तो उनसे निपटेंगे कैसे। मकसद सही होना चाहिए रूल्स इतने जरूरी नहीं हैं। 

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2014 के बाद से भारत बदल चुका
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से निपटना भारत के सबसे बड़े उद्देश्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत 2014 के बाद से काफी बदल चुका है। अब भारत आतंकवाद के खिलाफ खुली जंग लड़ने से भी पीछे नहीं हटता है। नया भारत आतंकवाद से निपटना अच्छी तरह जानता है। 

सबका एक ही सवाल था, मुंबई हमले का जवाब देना चाहिए था
आतंकवाद पर बातचीत में एस जयशंकर ने कहा कि मुंबई हमले को लेकर देश के हर व्यक्ति के मन में एक ही सवाल था कि भारत कभी कोई जवाब क्यों नहीं देता है। लेकिन उस समय शायद ये सोचा गया था कि पाकिस्तान पर हमला न करना, हमला करने से ज्यादा बेहतर है।