सार
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग चल रही है। इस अदृश्य दुश्मन ने लड़ाई में हर कोई बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है। इसी तरह से राजस्थान के एक किसान ने अपने जीवन भर की कमाई यानी 50 लाख रुपए दान दे दिए, जिससे लॉकडाउन में गरीबों और भूखों को खाना खिलाने में मदद हो सके।
जोधपुर. भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग चल रही है। इस अदृश्य दुश्मन ने लड़ाई में हर कोई बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहा है। इसी तरह से राजस्थान के एक किसान ने अपने जीवन भर की कमाई यानी 50 लाख रुपए दान दे दिए, जिससे लॉकडाउन में गरीबों और भूखों को खाना खिलाने में मदद हो सके। राजस्थान के जोधपुर के पबुराम मंडा ने शुक्रवार तक 6500 परिवारों को फूड पैकेट बांटे हैं।
पबुराम मंडा जोधपुर के ओसियन गांव के हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, किसान भारत की रीढ़ हैं। किसान कम संसाधनों के बावजूद समस्याओं से निपटना जानते हैं। इसलिए इन संकट के दिनों में हमने सेना की तरह ही राष्ट्र के लिए खड़े होने का फैसला किया है। इस समय देश को हमारी जरूरत है और हमने अपना बेहतर देने का फैसला किया है।
'जिंदा रहेंगे तो और कमा लेंगे'
पबुराम की पत्नी मुन्नी देवी ने भी इस फैसले का समर्थन किया है। वे कहती हैं कि अगर हम जिंदा रहे तो और कमा लेंगे। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए दान देना चाहिए कि कोई भूख या बीमारी से ना मरे।
घर घर पहुंचा रहे मदद
पबुराम के बेटे राम निवास ने बताया, उन्होंने 6 हजार ऐसे परिवारों पहचान की जो मजूदर हैं या रोजनदारी पर काम करते हैं। इन परिवारों को घर घर जाकर फूड किट दी जा रही है।
एक किट में 10 दिन के लिए पर्याप्त राशन
उन्होंने बताया कि एक किट में 1 परिवार के लिए 10 दिन का राशन है। इसमें 10 किलो आटा, किलो दाल, 1 किलो तेल, बिस्किट, साबुन और मसालें हैं। राम निवास ने बताया, जैसे ही लॉकडाउन बढ़ाया गया, मदद के लिए और जरूरतमंद परिवार भी आगे आ गए।
83 गांव में जरूरतमंदों की लिस्ट की गई तैयार
राम निवास ने बताया, प्रशासन की मदद से 83 गांव में जरूरतमंदों की लिस्ट बनाई गई है। वहीं, इस काम में प्रशासन, वालंटियर और ग्राम पंचायत के अफसर भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस काम में कई और लोग भी मदद के लिए आगे आ गए हैं।