सार
कृषि कानूनों को खारिज किए जाने की मांग को लेकर लंबे समय से धरने पर डटे किसान नेता राकेश टिकैत ने 22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र के दौरान धरने का ऐलान किया है।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर, 2020 से जारी किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने 22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र के दौरान धरने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार बातचीत करना चाहती है, तो हम तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा। 22 जुलाई से हमारे 200 लोग संसद के पास धरना देने जाएंगे
यूएन में मामला उठाने का किया खंडन
राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने ये नहीं कहा था कि कृषि क़ानूनों को लेकर UN (संयुक्त राष्ट्र) जाएंगे। उन्होंने कहा था कि 26 जनवरी के घटना की निष्पक्ष जांच हो जाए। अगर यहां की एजेंसी जांच नहीं कर रही है तो क्या हम UN में जाएं?
शरद पवार कृषि कानूनों को खारिज करने के पक्ष में नहीं
इससे पहले किसान आंदोलन को लेकर लगातार केंद्र सरकार को घेरते आ रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया शरद पवार ने कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज करने की मांग पर ऐतराज जताया था। शरद पवार ने बयान दिया था कि कृषि कानूनों को पूरा बदलने की जरूरत नहीं है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसका स्वागत करते हुए कहा था कि-शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए। मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं।
तोमर ने यह भी कहा था
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा-मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है। हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है। केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है, ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें।
कृषि मंत्री दे चुके हैं बातचीत का निमंत्रण
हाल में तोमर ने दिल्ली बार्डर पर धरना दे रहे किसानों से धरना खत्म करने की अपील की थी। तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से 11 राउंड बातचीत कर चुकी है। कृषि बिल किसानों की बेहतरी के लिए है। अगर किसी मुद्दे पर आपत्ति है तो वह बातचीत से हल किया जा सकता है।
सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने का काम किया
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए सरकार ने तीन कृषि कानूनों को लागू किया। यह किसानों की बेहतरी के लिए है। केंद्र सरकार ने एमएसपी को बढ़ाया है, एमएसपी पर अधिक से अधिक खरीद की जा रही है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश का अधिकतर हिस्सा कृषि कानूनों के सपोर्ट में है। अगर किसानों को कानून के खिलाफ कोई आपत्ति है तो सरकार उनकी बात सुनने और उस पर बातचीत कर सकती है।