सार

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, राहुल गांधी को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती, देश का तो सवाल ही नहीं उठता। आज जब वे राष्ट्रपति को विरोध व्यक्त करने गए तब कांग्रेस से कोई भी नेता किसानों से हस्ताक्षर करवाने नहीं आया और न किसानों ने हस्ताक्षर किए।
 

नई दिल्ली. किसान विरोध प्रदर्शन के बीच बागपत के किसानों ने कृषि मंत्री से मुलाकात की। बैठक के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, बागपत के किसानों ने मुझे कृषि कानूनों के समर्थन में एक पत्र दिया है। उन्होंने मुझे बताया है कि फार्म बिल में संशोधन करने के लिए सरकार को किसी दबाव में नहीं झुकना चाहिए।

किसान ने कहा, राहुल ने हस्ताक्षर नहीं लिए
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, राहुल गांधी को कांग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती, देश का तो सवाल ही नहीं उठता। आज जब वे राष्ट्रपति को विरोध व्यक्त करने गए तब कांग्रेस से कोई भी नेता किसानों से हस्ताक्षर करवाने नहीं आया और न किसानों ने हस्ताक्षर किए।

60 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने की थी मुलाकात
बागपत के किसान मजदूर संघ के 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी।

आखिर हस्ताक्षर की बात कहां से आई?
दरअसल, राहुल गांधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और दावा किया था कि किसान बिल के विरोध में 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर का ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा।

सरकार ने किसानों को फिर लिखा पत्र
केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों को पत्र लिखा है। सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने के लिए कहा है। सरकार ने कहा, हम किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों के तार्किक समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।द रअसल, किसानों की ओर से बुधवार को एक पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। यह किसी से छिपा नहीं है, कि भारत सरकार किसानों के शांतिपूर्ण जमीनी और कानून सम्मत संघर्ष को अलगाववादियों और चरमपंथियों के रूप में पेश करने संप्रदायवादी और क्षेत्रीय रंग देने का तर्कहीन और बेतुका प्रयास कर रही है। इतना ही इस पत्र में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर द्वारा विभिन्न किसान संगठनों से मुलाकात पर भी सवाल उठाए गए थे।