सार
सरकार की ओर से मिले नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सैद्धांतिक सहमति पहले बन गई थी, लेकिन गुरुवार दोपहर को इस पर लंबी चर्चा के बाद फैसला हुआ। इस मीटिंग में किसान संगठनों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद थे।
नई दिल्ली। किसान आंदोलन स्थगित (Farmers Protest called off) कर दिया गया है। सरकार द्वारा किसानों की मांगों को मान लेने के बाद किसानों ने आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) की मीटिंग के बाद यह ऐलान किया गया। 11 दिसंबर से किसान घर वापस जाएंगे। दिल्ली की सीमाओं पर 14 महीनों से डटे किसानों ने अपने टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। 13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अरदास करेंगे और अपने घरों की ओर निकल जाएंगे।
जानिए किसने क्या कहा?
किसानों की घर वापसी को लेकर राजनीतिक दलों और संगठनों की ओर से प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गई है। किसान संगठन इसे अपनी जीत बता रहे हैं।
सत्य की जीत में शहीद अन्नदाताओं को कर रहे याद
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आंदोलन स्थगित किए जाने को किसानों की जीत करार दिया है। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है कि यह देश महान है...यहां सत्याग्रही किसान है। सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं।
किसानों की जीत पर बधाई, हम किसानों के साथ खड़े
अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने कहा कि आज किसानों को उनकी जीत पर बधाई देती हूं। लेकिन, कृषि कानूनों के खिलाफ अपने साल भर के विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 किसानों की जान चली गई। हम हमेशा किसानों के साथ खड़े रहेंगे।
टिकैत बोले-लड़ेंगे जीतेंगे
किसान आंदोलन स्थगित करने के बाद राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है- लड़ेंगे जीतेंगे। 1 साल 13 दिन चला किसानों का आंदोलन समस्याओं के समाधान की परिणति को प्राप्त हुआ। किसान एकता से मिली यह कामयाबी 709 शहीदों को समर्पित। किसान हकों की लड़ाई जारी रहेगी।
15 को करेंगे रिव्यू मीटिंग
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chadhuni) ने चेताया है कि हमने आंदोलन स्थगित किया है। हम सरकार से हुए करारों की समीक्षा करते रहेंगे। यदि सरकार अपनी ओर से किए वादों से पीछे हटती है तो फिर से आंदोलन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की समीक्षा बैठक दिल्ली में होगी।
कक्का ने कहा सरकार की चिट्ठी पर बनी सहमति
मध्य प्रदेश के किसान नेता शिवकुमार कक्का (Shiv Kumar Kakka) ने कहा कि हम देश के उन तमाम लोगों से माफी मांगते हैं, जिन्हें इस आंदोलन के चलते परेशानी हुई है। शिवकुमार कक्का ने कहा कि कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल की ओर से भेजे गए लेटर के बाद यह सहमति बनी है। इस लेटर में हमारी ज्यादातर मांगों पर विचार करने की बात कही गई है। सरकार ने मुकदमों से लेकर तमाम चीजों को लेकर 15 जनवरी तक का समय दिया है। हम इसके बाद समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने तीन कानूनों को लेकर देश भर के किसानों को संगठित किया।
सरकार ने मांगी किसानों की मांग, 7 में छह पर सहमति
सरकार की ओर से मिले नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सैद्धांतिक सहमति पहले बन गई थी, लेकिन गुरुवार दोपहर को इस पर लंबी चर्चा के बाद फैसला हुआ। इस मीटिंग में किसान संगठनों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद थे। मंगलवार को सरकार ने किसानों को एक चिट्ठी भेजी थी। इसमें एमएसपी (MSP) पर कमेटी बनाने, मुआवजे पर सैद्धांतिक सहमति और आंदोलन खत्म करने पर मुकदमों की वापसी की बात कही गई थी। इस पर किसानों ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि मुकदमे आंदोलन की समाप्ति के बाद नहीं बल्कि पहले ही हटाए जाएं। इसके बाद सरकार ने नया प्रस्ताव किसानों को भेजा और तत्काल प्रभाव से मुकदमों की वापसी की बात कही। सरकार के नए प्रस्ताव पर संगठन राजी हो गए और आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया गया।
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