सार

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को मनी लॉन्ड्रिंग ( money laundering) के एक मामले में ED ने 31 मई को दिल्ली में पूछताछ के लिए तलब किया है। यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले के संबंध में बताई जा रही है।

नई दिल्ली. नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को मनी लॉन्ड्रिंग ( money laundering) के एक मामले में ED ने 31 मई को दिल्ली में पूछताछ के लिए तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले के संबंध में बताई जा रही है, जिसकी जांच संघीय एजेंसी यानी ED कर रही है। जानकारी के अनुसार बीसीसीआई ने 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपए दिए थे। अब्दुल्ला पर आरोप है कि इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपए का घोटाला कर लिया गया था।

2020 में 11.86 करोड़ की प्रॉपर्टी हो चुकी है जब्त
31 मई को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय में पेश होने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act-PMLA) के तहत समन जारी किया गया है। समन पर प्रतिक्रिया देते हुए उनकी पार्टी ने कहा कि श्रीनगर से लोकसभा सांसद अब्दुल्ला पहले की तरह अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे। फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने ट्विटर पर पोस्ट किया। कहा-"ईडी ने जेकेएनसी अध्यक्ष डॉ. फारुक अब्दुल्ला को समन किया, यह कोई नई बात नहीं है। यह भारत में सभी विपक्षी दलों के लिए आम है। उन्होंने मामले में अपनी बेगुनाही बरकरार रखी है और जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है। इस मामले में भी ऐसा करेंगे।" 

बता दें कि एजेंसी ने 2020 में इस मामले में अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। 84 वर्षीय नेकां संरक्षक से ईडी इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला ने अतीत में जेकेसीए के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और खेल निकाय में नियुक्तियां कीं, ताकि बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित धन का दुरुपयोग किया जा सके। कुर्क की गईं सम्पत्तियां जम्मू और श्रीनगर में हैं। इनमें  दो अचल संपत्तियां आवासीय हैं, एक व्यावसायिक संपत्ति है, जबकि तीन अन्य भूखंड भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क किए गए हैं। कुर्क की गई संपत्तियों का शुद्ध मूल्य (बुक वैल्यू) 11.86 करोड़ रुपए है, लेकिन इनकी मार्केट वैल्यू लगभग 60-70 करोड़ रुपए है। 

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