सार

आज आम बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगी। कोरोना महामारी के बाद ठप हुई अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने के लिए वित्त मंत्री क्या कदम उठाती हैं यह देखने वाली बात होगी। आईए जानते हैं कि रेलवे से लकर कृषि तक किस सेक्टर में क्या ऐलान हो सकता है।

नई दिल्ली. आज आम बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर वित्त मंत्रालय पहुंच गए हैं। यहां अधिकारियों के साथ बैठक होगी। फिर कैबिनेट बैठक होगी। 11 बजे बजट पेश होगा। कोरोना महामारी के बाद ठप हुई अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने के लिए वित्त मंत्री क्या कदम उठाती हैं यह देखने वाली बात होगी।

सरकार के 'डिजिटल बजट' की पहली तस्वीर

 

 

आईए जानते हैं कि रेलवे से लकर कृषि तक किस सेक्टर में क्या ऐलान हो सकता है। 

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर: क्या हैं उम्मीदें
बजट में ऐलान से रेलवे, हाइवे और एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट्स जल्द पूरे होने में मदद मिलेगी। 
ऐसे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के फंड को सुनिश्चित कर सकती है।
सरकार इसके लिए एक नए नेशनल बैंक का भी गठन कर सकती है।
सरकार ग्रामीण इलाकों में हेल्थ इन्फ्रा पर जोर दे सकती है

टैक्स में कटौती संभव
इस बार सरकार टैक्स छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। सरकार इसे 2.5 लाख रु से बढ़ाकर 3 लाख कर सकती है। 
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेशकर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छू पाई जा सकती है।
मेडिकल इंश्योरेंस को देखते हुए इस बार सरकार 80डी के तहत मिलने वाले 25000 रुपये तक के डिडक्शन को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकती है
सीनियर सिटिजन के लिए ये सीमा बढ़ाकर 75 हजार रुपये तक किए जाने की उम्मीद की जा रही है।

कृषि : किसानों को सरकार से है उम्मीद
कृषि क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था का एकमात्र चमकता सेक्टर रहा है।
किसान आंदोलन को देखते हुए सरकार किसानों के हित में कुछ बड़े उपायों की घोषणा कर सकती है।
वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार का फोकस कृषि और उससे जुड़े सेक्टर पर बने रहने की उम्मीद है। 
बजट में भी कृषि क्षेत्र से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया जा सकता है।

एजुकेशन: ऑनलाइन पर फोकस
इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई अहम ऐलान देखने को मिल सकते हैं
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा सकती है सरकार
बजट में शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपग्रेड करने की जरूरत है
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी को सस्ता बनाया जाए,

हेल्थ: कोरोना के चलते होगी बजट में बढ़ोत्तरी
कोरोना के चलते बजट 2021 में हेल्थ सेक्टर के बजट में बढ़ोत्तरी कर सकती है सरकार। 
स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार स्किल डेवलेपमेंट के लिए भी बजट बढ़ा सकती है
हेल्थ इंश्योरेंस से जोड़ने के लिए सरकार हेल्थ इंश्योरेंस में आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत छूट दे सकती है
छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर जोर दे सकती है

उद्योग  : आत्मनिर्भर पर फोकस
उद्योग जगत में सरकार का फोकस आत्मनिर्भर भारत पर है।
आत्मनिर्भर बनने के लिए आयात में तत्काल कमी लानी होगी।
मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर बजटीय आवंटन करना होगा
मैन्युफैक्चरिंग की लागत कम होनी चाहिए। रॉ मैटेरियल सस्ता करने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी घटनी चाहिए।

डिफेंस: स्वदेशी बनेगी ताकत
चीन और पाकिस्तान से विवाद को देखते हुए रक्षा बजट में इजाफा हो सकता है। 
डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की कोश‍िश 
स्वदेशी हथियारों पर फोकेस
डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और ऐलान किएजा सकते हैं 

रेल : सुविधाओं पर फोकस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि इस बार का बजट पिछले 100 साल की तुलना में अलग होगा।
बजट में यात्री सुविधाओं पर भी सरकार का फोकस हो सकता है। 
कोरोना संकट के बीच भारतीय रेलवे ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार देने का काम किया है।
बुलेट ट्रेन नेटवर्क को लेकर सरकार अपनी योजना बता सकती है। 

रोजगार : नौकरियां बचाना है चुनौती
सरकार के सामने मौजूदा नौकरियों को बचाना और नई नौकरियां पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती है।
बजट में सरकार नौकरी पैदा करने पर फोकस करे। खाली सीट भरने के लिए जल्द वैकेंसी निकाली जाएं। 
फॉर्म भरने के लिए एक ही प्लेटफॉर्म हो। सरकारी-निजी सेक्टर में बैलेंस बनाने की जरूरत है। 
डिग्री के हिसाब से वेतनमान मिले। सरकार डिग्री के बाद जॉब गांरटी जैसी स्कीम लाए।  

अन्य (रियल एस्टेट सेक्टर)
रियल एस्टेट सेक्टर को बजट से बहुत कुछ मिलने की उम्मीद है।
रिजर्व बैंक और नेशनल हाउसिंग बैंक को सबवेंशन स्कीमों पर लगा बैन हट सकता है। 
हाउस रेंट अलॉएंस (HRA) पर टैक्स छूट बढ़ाई जानी चाहिए। 
इसके अलावा, रेंटल इनकम से होने वाले लॉस को अगले साल शिफ्ट करने की इजाजत होनी चाहिए।