सार
नई दिल्ली: 2025 का स्वागत अंतरिक्ष करेगा उल्का वर्षा के साथ। नए साल की पहली उल्का वर्षा 3-4 जनवरी की तारीखों में सक्रिय होगी। आम तौर पर होने वाली उल्का वर्षा से अलग, इस बार यह भारत में भी देखी जा सकेगी, जो इसे खास बनाता है।
भारत के वैज्ञानिकों के लिए आने वाले दिनों की उल्का वर्षा एक खुशखबरी है। पिछले 27 दिसंबर से आसमान में दिखाई दे रही क्वाड्रेंटिड्स उल्का वर्षा 3-4 जनवरी की तारीखों में अपने चरम पर होगी। कुछ ही घंटों के लिए दिखाई देने वाली यह अंतरिक्ष की अनोखी घटना है, लेकिन इसकी तेज रोशनी धरती से साफ दिखाई देगी, यही इसकी खासियत है। 3 और 4 जनवरी की रात को भारत में क्वाड्रेंटिड्स उल्का वर्षा देखी जा सकेगी, ऐसा लखनऊ के इंदिरा गांधी तारामंडल के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव ने बताया। उल्का वर्षा जब अपने चरम पर होगी, तब आसमान में 60 से 200 तक उल्काएं देखी जा सकेंगी, ऐसा अनुमान है।
ज्यादातर उल्का वर्षा धूमकेतुओं से होती है, लेकिन क्वाड्रेंटिड्स की उत्पत्ति 2003 EH1 नाम के एक क्षुद्रग्रह से होती है, ऐसा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है। नासा का अनुमान है कि यह क्षुद्रग्रह एक मृत धूमकेतु हो सकता है। क्वाड्रेंटिड्स उल्का वर्षा 16 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। हर साल जनवरी की शुरुआत में धरती से दिखाई देने वाली उल्का वर्षा क्वाड्रेंटिड्स ही है।