सार

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनका शिमला के IGMC अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे पिछले 2 दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

शिमला. हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र का 87 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद गुरुवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(IGMC) में अंतिम सांस ली। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जनक राज ने मृत्यु की वजह मल्टी ऑर्गन फेल्योर बताया है। उन्होंने तड़के 4 बजे अंतिम सांस ली। राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है।

मोदी, शाह ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया-वीरभद्र सिंह जी का लंबा राजनीतिक जीवन था। उनके पास समृद्ध प्रशासनिक और विधायी अनुभव था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राज्य के लोगों की सेवा की। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा-हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करें। मैं उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

कोरोना होने के बाद मैक्स अस्पताल में भती कराया गया था
वीरभद्र सिंह को कोरोना होने पर पर 13 अप्रैल को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि वहां से ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज किया गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें IGMC में भर्ती कराना पड़ा था। 

9 बार विधायक और 5 बार सांसद रहे
वीरभद्र की 12 अप्रैल और फिर 11 जून को तबीयत अधिक खराब हुई थी। वे पिछले 2 दिन से वेंटिलेटर पर थे। वीरभद्र हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे। वे 9 बार विधायक और 5 बार सांसद रहे। वे अपने पीछे पत्नी प्रतिभा, बेटी अपराजिता सिंह और बेटा विक्रमादित्य को छोड़ गए हैं। विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण से विधायक हैं।

वीरभद्र सिंह का राजनीति करियर
वीरभद्र सिंह पहली बार 1983 से 1985, दूसरी बार 1985 से 1990 तक, तीसरी बार 1993 से 1998 तक, चौथी बार 1998 में चंद दिनों के लिए, पांचवीं बार 2003 से 2007 तक, जबकि छठवीं बार 2012 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

सांसद के रूप में सेवाएं
वीरभद्र सिंह UPA सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। इंदिरा गांधी की सरकार में वे दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन और विमानन राज्य मंत्री थे। 1982 से 1983 तक उन्होंने केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री का जिम्मा संभाला।

हाल में जेपी नड्डा उन्हें देखने गए थे
5 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उनकी तबीयत जानने IGMC पहुंचे थे। वीरभद्र को नड्डा ने बोल्ड नेता बताया था।

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