सार

सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ घटता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' का 28वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है पॉलिटिक्स की दुनिया के कुछ ऐसे ही चटपटे और मजेदार किस्से।

 

From The India Gate: सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ होता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। एशियानेट न्यूज का व्यापक नेटवर्क जमीनी स्तर पर देश भर में राजनीति और नौकरशाही की नब्ज टटोलता है। अंदरखाने कई बार ऐसी चीजें निकलकर आती हैं, जो वाकई बेहद रोचक और मजेदार होती हैं। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' (From The India Gate) का 28वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है, सत्ता के गलियारों से कुछ ऐसे ही मजेदार और रोचक किस्से।

केरल में 'MARKS'ISM

SFI के दो नेता जबसे घोटालों में फंसे हैं, तब से ही कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ट्रोल्स की सुनामी में डूब गई है। जबकि महाराजा कॉलेज, एर्नाकुलम के परिसर में प्रमुख चेहरे एसएफआई नेता अर्शो को ऐसी परीक्षा में 'उत्तीर्ण' घोषित कर दिया गया, जिसमें वे कभी शामिल ही नहीं हुए। उनकी साथी विद्या तो उनसे भी एक कदम आगे निकल गईं। वे तो महाराजा कॉलेज का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर दो साल तक दो कॉलेजों में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर काम करने में कामयाब रही।

महाराजा का कॉलेज मध्य केरल में एसएफआई की राजधानी रही है। कॉलेज के प्राचार्य ने शुरू में कहा कि अर्शो ने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है। लेकिन कुछ ही घंटों में उन्होंने दो बार अपना बयान बदला और उन्हें क्लीन चिट दे दी। लेकिन विद्या फर्जी दस्तावेजों की वजह से पुलिस केस में संगीन चार्ज का सामना कर रही हैं। सीपीएम ने इस हार से सबक सीख लिया है। पार्टी ने पदाधिकारियों के लिए कामरेडों की उम्र सीमा तय करने का फैसला किया है। इस वक्त तो वे लोग नेतृत्व कर रहे हैं, जो 20 साल पहले भी वही कर रहे थे। यही वजह है कि अब पार्टी युवा कॉमरेडों से चुनाव लड़ने के लिए आयु प्रमाण पत्र मांग रही है।

समूहवाद जिंदाबाद

कांग्रेस भले ही कर्नाटक में अपने कद्दावर नेताओं सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार के बीच शांति समझौता कराने में सफल रही है। लेकिन केरल में इस पार्टी तंत्र टूट रहा है। ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों की हालिया घोषणा ने केरल में भानुमती का पिटारा खोल दिया है। केरल में एके एंटनी की सेवानिवृत्ति और ओमन चांडी की बीमारी के बाद निष्क्रिय हो गया एंटनी समूह इसके विरोध में जाग उठा है। 

चांडी के मैन फ्राइडे बेनी बेहेनन ने खुले तौर पर चेतावनी दी है कि अगर ए ग्रुप को पाई का टुकड़ा नहीं दिया गया तो वह अपनी सभी गतिविधियों को फिर से शुरू कर देंगे। प्रमुख नेता रमेश चेन्नीथला ने विपक्ष के नेता वी डी सतीशन की क्षमता पर सवाल भी उठाया है। वास्तव में असंतुष्ट नेता एम एम हसन के शब्दों में कहें तो यह असंतोष पूरी तरह से बढ़ चुका है। इससे केपीसीसी अध्यक्ष बहुत चिंतित व्यक्ति हैं। वह चाहते हैं कि हम ग्लोबल वार्मिंग का समाधान करें। हसन ने मीडिया को बताया कि बेशक, उनके शब्द पार्टी में बिजली की भारी गड़गड़ाहट की तरह लग रहे हैं लेकिन हम तो केवल मॉनसून की चर्चा कर रहे हैं।

सपने तो खट्टे होते हैं

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू और गृह मंत्री अमित शाह के बीच हाल ही में हुई बैठक के बाद अफवाह फैलाने वाले ओवर टाइम काम कर रहे हैं। 2019 में नायडू द्वारा भाजपा को अलविदा कह दिया गया था। पहली बार हुई इस बैठक को दोनों तेलुगु राज्यों के लोग राजनीतिक गठबंधन की दिशा में पहला कदम देख रहे हैं। चुनावों में शर्मनाक हार के बाद नायडू राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा नेताओं के करीब जाने की कोशिश कर रहे हैं। नायडू ने भाजपा और उसकी सहयोगी जनसेना के साथ गठबंधन करने की भी कोशिश की। जनसेना के नेता पवन कल्याण ने नायडू के साथ गठबंधन करने को लेकर खुलकर विचार व्यक्त किए हैं।

भाजपा नेतृत्व ने नायडू से आगामी तेलंगाना चुनाव में अपनी ताकत साबित करने को कहा है। नायडू सहमत हो गए हैं लेकिन वे पारस्परिकता की उम्मीद कर रहे हैं। जबकि बीजेपी तेलंगाना के प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय ने टीडीपी के साथ गठबंधन का विरोध किया है। इसलिए यह कदम शुरुआती दौर में ही दम तोड़ता दिख रहा है। संजय के रुख का वरिष्ठ नेता नल्लू इंद्रसेना रेड्डी ने भी समर्थन किया है। अब अगर भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा पूर्ण समर्थन नहीं मिलता तो नायडू के सपने चकनाचूर हो जाएंगे।

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