सार

पहली तस्वीर कर्नाटक के हुबली स्थित ईदगाह मैदान की है, जहां हाईकोर्ट की परमिशन के बाद गणेशजी विराजे गए हैं। दूसरी तस्वीर में PM मोदी ने गणेश चतुर्थी पर बप्पा की पूजा-अर्चना करके देश की खुशहाली और शांति के लिए प्रार्थन की। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
 

नई दिल्ली. कर्नाटक में हुबली स्थित ईदगाह में गणेश चतुर्थी(Ganesh Chaturthi 2022) पर गणपति की मूर्ति की स्थापना की गई है। हुबली-धारवाड़ नगर निगम (HDMC) ने तीन दिनों के लिए हुबली के ईदगाह मैदान में गणपति की मूर्ति की स्थापना की परमिशन देने का ऐलान किया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार देर रात हुई सुनवाई में इसे बरकरार रखा। कोर्ट ने धार्मिक संस्कारों को न करने देने वाली याचिकाओं को खारिज किया था। CP हुबली-धारवाड़ लाभू राम ने बताया कि गणेश उत्सव के संबंध में विस्तृत व्यवस्था की है और धारवाड़ में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। हमने अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ 1 RAF कंपनी तैनात की है।

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कोर्ट ने खारिज की दी थी याचिका
हाईकोर्ट के जस्टिस अशोक एस किनागी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह संपत्ति धारवाड़ नगरपालिका की है। अंजुमन-ए-इस्लाम 999 साल की अवधि के लिए एक रुपए प्रति वर्ष के शुल्क पर केवल एक पट्टा धारक था। नगर आयुक्त के आदेश को अंजुमन-ए-इस्लाम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। रानी चेन्नम्मा मैदान गजानन उत्सव महामंडल के  संयोजक के गोवर्धन राव ने कहा-रानी चेन्नम्मा मैदान नगर निगम का है, इसलिए हमने समिति महामंडल की ओर से अनुरोध किया था कि यहां इस गणपति उत्सव मनाने की अनुमति दी जाए।

ईदगाह मैदान में नहीं मिली अनुमति
दूसरी ओर बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिन में बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। साथ ही दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने तर्क दिया था कि गणेश चतुर्थी की पूजा कहीं और भी की जा सकती है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने कहा था कि सभी सवाल या मुद्दे हाई कोर्ट में उठाए जा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन-ए-इस्लाम ने याचिका दायर की थी। लंबी बहस के दौरान वक्फ बोर्ड ने दलील दी कि जमीन पर किसी अन्य समुदाय का कोई धार्मिक आयोजन नहीं हुआ, क्योंकि इसे वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है। अचानक 2022 में वे(हिंदू) कहते हैं कि यह विवादित भूमि है। वे यहां गणेश चतुर्थी उत्सव आयोजित करना चाहते हैं। वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे दुष्यंत दवे ने कहा, "मुझे आश्चर्य है कि क्या इस देश में कोई मंदिर है जहां अल्पसंख्यक समुदाय को प्रार्थना के लिए प्रवेश करने की इजाजत होगी?" सुनवाई के बाद ईदगाह में गणेश उत्सव की इजाजत नहीं मिली।

PM मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणेश चतुर्थी पर पूजा-अर्चना की। उन्होंने एक फोटो tweet करके लिखा-यतो बुद्धिरज्ञाननाशो मुमुक्षोः, यतः सम्पदो भक्तसन्तोषिकाः स्युः। यतो विघ्ननाशो यतः कार्यसिद्धिः, सदा तं गणेशं नमामो भजामः।। गणेश चतुर्थी की ढेरों शुभकामनाएं। गणपति बाप्पा मोरया!

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यह तस्वीर कोलकाता है। यहां गणेश चतुर्थी के त्योहार के लिए एक पंडाल में भगवान गणेश की 24 फीट लंबी मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई है।


यह तस्वीर हैदराबाद की है। खैरताबाद गणेश पंडाल में गणेश उत्सव के लिए 50 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा बनवाई गई।

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