सार

अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के घर-घर अन्न पहुंचाने की योजना न सिर्फ खटाई में पड़ गई है, बल्कि भाजपा इस मामले में उन पर लगातार आक्रामक बनी हुई है। अनुराग ठाकुर के बाद अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार माफिया के नियंत्रण में है।

नई दिल्ली. घर-घर राशन पहुंचाने की योजना को लेकर अरविंद केजरीवाल घिर चुके हैं। भाजपा उन पर लगातार आक्रामण बनी हुई है। अनुराग ठाकुर के बाद अब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केजरीवाल पर हमला किया है। प्रसाद ने कहा-अरविंद केजरीवाल हर घर अन्न की बात कर रहे हैं। लेकिन वे ऑक्सीजन पहुंचा नहीं सके, मोहल्ला क्लीनिक दवा तो पहुंचा नहीं सके। प्रसाद ने कहा कि दिल्ली सरकार राशन माफिया के नियंत्रण में है।

होम डिलीवरी की आड़ में घोटाला
रविशंकर प्रसाद ने कहा-ये होम डिलीवरी देखने में बहुत अच्छी लगती है, लेकिन इसके थोड़ा अंदर जाओ तो इसमें स्कैम(घोटाले) के कितने गोते लगेंगे ये समझ में आ जाएगा। आप(अरविंद केजरीवाल) अपना प्रस्ताव भेजें या भारत सरकार से जो अनाज जाता है उसी पर खेल खेलेंगे। देश के 34 राज्यों और केंद्र ​शासित प्रदेशों ने वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया। सिर्फ तीन प्रदेशों असम, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने इसे लागू नहीं किया। अरविंद केजरीवाल आपने दिल्ली में वन नेशन वन राशन कार्ड लागू क्यों नहीं किया, आपको क्या परेशानी है?

दिल्ली सरकार का तर्क
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविशंकर प्रसाद के बयान पर जवाब दिया है-ऑक्सीजन, राशन, परीक्षा या वैक्सीन का मसला हो, सभी में केंद्र सरकार पूरी तरह विफल रही है। अरविंद केजरीवाल ने गरीब लोगों का राशन घर पहुंचाने की बात कही थी तो आज केंद्रीय मंत्री आकर गाली-गुफ्तार करने लगे।

अनुराग ठाकुर ने पूछा था-वन नेशन वन राशन कार्ड लागू ना करके प्रवासी मजदूरों का हक क्यों छीन रहे
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने वन नेशन वन राशन कार्ड को लेकर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा था। ठाकुर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछा था कि वन नेशन वन राशन कार्ड लागू ना करके दिल्ली सरकार प्रवासी मजदूरों का हक क्यों छीन रही है।

अनुराग ठाकुर ने द हिंदू की एक रिपोर्ट भी शेयर की थी। इसमें खाद्य सचिव ने केजरीवाल सरकार को पत्र लिखकर वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम लागू करने की मांग की है, ताकि राजधानी में करीब 10 लाख प्रवासी मजदूरों को इसका लाभ मिल सके। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लिखा, अभी तक इस योजना के तहत राज्यों में 27.8 पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन हुए हैं। अकेले कोरोना काल में 19.8 करोड़ हुए हैं।  

क्या है वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम
वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम के जरिए राशन कार्ड धारक किसी भी राज्य के किसी भी शहर में अपना राशन ले सकता है। दिल्ली में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूर हैं। ऐसे में यह स्कीम लागू ना होने के चलते उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। 

खाद्य सचिव ने लिखा केजरीवाल सरकार को पत्र
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (ePoS) मशीनों का इस्तेमाल फिर से शुरू करने की अपील की है, ताकि राज्य में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जा सके। पांडेय ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना काल में इस योजना से दिल्ली में करीब 10 लाख ऐसे प्रवासी मजदूरों को लाभ होगा, जिनके पास अपने गृह राज्यों में राशन कार्ड हैं लेकिन दिल्ली में सस्ते राशन तक उनकी पहुंच नहीं है। 

केजरीवाल ने मांग चुके हैं स्कीम लागू करने के लिए अनुमति
इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर घर घर राशन स्कीम को अनुमति देने की मांग की थी। अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा कि केंद्र जो भी बदलाव चाहता है, दिल्ली सरकार वह करने के लिए तैयार है। इससे पहले केजरीवाल ने पीएम से पूछा था कि केंद्र द्वारा उनकी सरकार द्वारा घर-घर राशन वितरण योजना क्यों रोक दी गई और उनसे राष्ट्रीय हित में इसे लागू करने की अनुमति देने की अपील की थी।

पूरे देश में लागू हो स्कीम
इतना ही नहीं केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना काल में पूरे देश में घर घर राशन स्कीम लागू होनी चाहिए। नहीं तो राशन की दुकानें ही सुपर स्प्रेडर साबित होंगी। केजरीवाल ने पूछा कि अगर पिज्जा, बर्गर, कपड़ों की डिलीवरी घर तक हो सकती है, तो राशन की क्यों नहीं। 

केंद्र ने आरोपों से किया इनकार
इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार का आरोप आधारहीन है कि उसने घर घर राशन योजना पर रोक लगाई। वहीं, केजरीवाल कहा कहना था कि उन्हें इस स्कीम के रोके जाने पर दुख है और वे सीधे पीएम से पूछना चाहते हैं कि इसे क्यों रोका गया। केजरीवाल ने कहा, यह योजना दिल्ली में राशन माफियाओं को खत्म कर देती, जिनका उन्होंने दिल्ली की मलिन बस्तियों में काम करते हुए सामना किया था और कई बार हमलों को झेला। 

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