सार

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच केंद्र सरकार ने मगंलवार रात पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। जिसके बाद पेट्रोल पर शुल्क 10 रुपये तथा डीजल पर शुल्क 13 रुपये बढ़ गया है। हालांकि इससे आम लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा। 

नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बीच केंद्र सरकार ने मगंलवार रात पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क में आठ-आठ रुपये की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा, पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 2 रुपये तथा डीजल पर 5 रुपये बढ़ाया गया है। इस बढ़ोतरी के साथ ही पेट्रोल पर शुल्क 10 रुपये तथा डीजल पर शुल्क 13 रुपये बढ़ गया है।

आम लोग रहें टेंशन फ्री 

आम जनता पर इस बदलाव का कोई असर नहीं होगा, क्योंकि कीमतों में बढ़ोतरी की भरपाई तेल कंपनियां खुद करेंगी और पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमत पहले जैसी ही रहेगी। हालांकि इस बढ़ोतरी से केंद्र के राजस्व में भारी इजाफा होगा और दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी का फायदा भारतीय जनता को नहीं मिल पाएगा। 

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा नहीं

पूरी दुनिया में लॉकडाउन की वजह से कच्चे तेल की खपत में भारी गिरावट हुई है, लेकिन तेल के उत्पादन में कोई खास कमी नहीं आई है, इसलिए दुनिया के तेल मार्केट में मंदी है और तेल की कीमतें नीचे गिर गई हैं। भारतीय तेल कंपनियां कम कीमतों पर तेल खरीदकर इसका फायदा उठा रही हैं।