सार
सरकार ने पीएफ निकासी की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है। श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ नियमों में बदलाव करते हुए यह सुविधा प्रदान की है जिससे ग्राहक अब अपनी वित्तीय जरूरतों के लिए एक बार में एक लाख रुपये तक निकाल सकेंगे।
नेशनल न्यूज। सरकार ने पीएफ निकासी की सीमा बढ़ाकर अब एक लाख रुपये कर दी है। सेवानिवृत्त बचत प्रबंधकों को इससे लाभ होगा। पहले यह लिमिट सिर्फ 50 हजार रुपये तक थी। श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। इसमें एक नए डिजिटल स्ट्रक्चर के साथ इसे और अधिक आसान और जवाबदेह बनाने के लिए कुछ मानदंड भी शामिल किए हैं। इस सुविधा से ग्राहक अपने खातों से वित्तीय जरूरतों के लिए एक बार में एक लाख रुपये तक निकाल सकेंगे। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने पीएफ नियमों में किए गए बदलावों के बारे में जानकारी दी।
ये कर्मचारी भी ले सकेंगे सुविधा का लाभ
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुविधा सभी कर्मचारियों के लिए मान्य है। इसके अतंर्गत वे कर्मचारी जिन्होंने अभी नई ज्वाइनिंग की है और उन्हें 6 महीना भी पूरा नहीं हुआ है वह भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। पहले नई कर्मचारियों को इस सुविधा से दूर रखा गया था।
सरकार के 100 दिन पूरे होने पर बोले मंडाविया
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने सरकार के सौ दिन पूरे होने पर कहा कि लोग शादी-ब्याह या इलाज के लिए अक्सर ईपीएफओ सेविंग्स का सहारा लेते हैं। अब इस नए नियम से वह जरूरत के मुताबिक एक लाख रुपये तक निकाल सकेंगे जो उनके लिए ज्यादा सुविधाजनक होगा। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि जरूरत और खर्च के अनुरूप पुरानी लिमिट आज के दौर में काफी कम है।
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एक करोड़ से अधिक सेवानिवृत्त कर्मियों को आय देती है ईपीएफओ
ईपीएफओ के जरिए एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों को रिटायरमेंट फंड प्रदान किया जाता है। इसमें कर्मचारियों की जीवनभर की बचत शामिल होती है। ईपीएफओ की ओर से वित्तीय वर्ष 2014 के लिए 8.25% की बचत ब्याज दर, वेतनभोगी मिडिल क्लास को दिया जाना वाला फंड है।
सरकार ने उन संगठनों को भी नए नियमों के तहत छूट दी है जो ईपीएफओ का हिस्सा नहीं हैं। वह राज्य की ओर से चलाए जा रहे रिटायरमेंट फंड मैनेजर पर स्विच कर सकते हैं। कुछ व्यवसायों को अपनी निजी सेवानिवृत्ति स्कीम चलाने की भी परमीशन दी गई है। क्योंकि उनका फंड 1954 में ईपीएफओ के इस्टैबलिश होने के पहले का है।