सार
जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग( targeted killings) ने गैर कश्मीरियों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले कई दिनों से राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच सरकार आतंकवादियों के खिलाफ नई रणनीति बना रही है। कुछ दिनों में ही आतंकवादियों ने कई गैर कश्मीरियों की हत्या कर दी है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय(Ministry of Home Affairs) ने दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग की।
नई दिल्ली. 30 जून से होने जा रही अमरनाथ यात्रा से पहले अचानक से बढ़ीं जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग( targeted killings) ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए चिंता पैदा कर दी है। 2 जून को सुबह बैंक मैनेजर और शाम को दो प्रवासियों को गोली मारने की घटना और इससे पहले कश्मीरी पंडित टीचर रजनी बाला की हत्या ने लोगों में आक्रोश बढ़ा दिया है। आतंकवाद के खिलाफ एक नया और सख्त कदम उठाने के मकसद से 3 जून को गृह मंत्रालय ने एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई। टार्गेट किलिंग के डर से देर रात बड़ी संख्या में कर्मचारी कश्मीर घाटी से जम्मू पहुंचे। ( पहली तस्वीर-जम्मू में 2 जून को सरकारी शिक्षक रजनी बाला की हत्या के विरोध में जम्मू-कश्मीर शिक्षक संघ ने प्रदर्शन किया, दूसरी तस्वीर-शिवसेना डोगरा फ्रंट के सदस्यों ने पाकिस्तान का झंडा जलाया)
15 दिन में अमित शाह की तीसरी बैठक
कश्मीर घाटी में टार्गेट किलिंग की घटनाओं ने सरकार को हाईअलर्ट मोड में डाल दिया है। ऐसी घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाने 3 जून को अमित शाह ने एक हाईलेवल मीटिंग की। इसमें उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, एडिशनल चीफ सेक्रेट्री(होम) आरके गोयल और डीजीपी दिलबाग सिंह शामिल हुए। शाह ने NSA, आर्मी चीफ, सभी पैरा मिलिट्री फोर्सेस के चीफ और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसीज से भी चर्चा की। यह मीटिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण रही, क्योंकि 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। बता दें कि 15 दिन में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यह तीसरी बड़ी मीटिंग रही। इससे पहले 2 जून को राजस्थान के एक बैंक मैनेजर की हत्या के कुछ घंटों बाद गृहमंत्री अमित शाह ने NSA अजीत डोभाल, रॉ प्रमुख सामंत गोयल, इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ अरविंद कुमार और गृह मंत्रालय के अन्य अफसरों के साथ मीटिंग की थी। इससे पहले शाह ने 17 मई को अमरनाथ यात्रा की व्यवस्था और जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की थी।
6 जून तक कश्मीर से पलायन की चेतावनी दी थी
पिछले 3 दिनों में घाटी में तीन टार्गेट किलिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। 31 मई को कुलगाम जिले के गोपालपोरा इलाके में आतंकवादियों ने एक प्रवासी कश्मीरी पंडित महिला टीचर रजनी बाला(Migrant Kashmiri Pandit teacher Rajni Bala shot dead) के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। रजनी बाला (36) जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थीं। वे कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं। फिर 2 जून को कुलगाम जिले के ही अरेह मोहनपोरा स्थित देहाती बैंक मैनेजर विजय कुमार को एक आतंकवादी ने गोली मार दी थी। वे राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे। विजय कुमार की हत्या के कुछ घंटे बाद ही आतंकवादियों ने 2 प्रवासी मजदूरों को गोली मार दी। इसमें से एक मजदूर की मौत हो गई। गर कश्मीरियों की हत्या के बाद से लोगों में आक्रोश है।
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