सार
एक साल से चल रहा किसानों का आंदोलन (Farmer's Protest) जल्द समाप्त हो सकता है। सरकार (Modi Government) ने इसके लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है। उन्हें बातचीत का प्रस्ताव भेजा है।
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों (Three Farm Laws) की वापसी के बाद किसानों की मांग एमएसपी (MSP) कानून बनाने की है। किसान नेता राकेश टिकैत ने आज ही दिसंबर के आखिर में आंदोलन खत्म करने की बात कही थी। अब सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाया है। सरकार एमएसपी (MSP) को लेकर भी बातचीत के लिए तैयार हो गई है। केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को बातचीत का प्रस्ताव भेजा है। उसने किसान मोर्चे से अपने 5 नेताओं के नाम देने के लिए कहा है। यह नेता सरकार के साथ बातचीत करेंगे, जिसके बाद एमएसपी कानून की रूपरेख तय होगी। किसान नेता दर्शनपाल ने बताया कि किसान संगठन इस मामले में 4 दिसंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेंगे। यह कदम ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही संसद के दोनों सदन में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विधेयक पास किया गया है। दर्शन पाल ने बताया कि केंद्र ने उस समिति के गठन के लिए एसकेएम से 5 नाम मांगे हैं, जोकि फसलों के लिए एमएसपी के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। हमने अभी नामों को लेकर फैसला नहीं लिया है। हम इस बारे में चार दिसंबर को होने वाली हमारी बैठक में निर्णय लेंगे।
इससे पहले Agriculture Bill रद्द होने के बाद चौतरफा दबाव में घिरे किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान किया था कि दिसंबर के अखिर तक किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। टिकैत ने कहा कि PM ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अपनी जुबान दी है। अगर 1 जनवरी तक MSP पर कानून नहीं बनता, तो ये मुद्दा किसानों के आंदोलन की मांग का हिस्सा बन जाएगा। हालांकि टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में पीछे नहीं हटेगी। टिकैत जैसा सोच रहे थे वैसा ही हुआ। सूत्रों के मुताबिक किसान मोर्चा 4 दिसंबर को आंदोलन वापसी की घोषणा कर सकता है। हालांकि अभी सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठकें चल रही हैं। पंजाब के कई किसान संगठन पीछे हट चुके हैं।
किसानों के मुकदमे वापस लेने का निर्देश
किसान महापंचायत में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस करने की मांग की गई थी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने का निर्देश दिया है। हरियाणा के किसान नेताओं ने मुकदमाों की वापसी के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ बैठक करने की घोषणा भी कर दी है। उत्तर प्रदेश और पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी मुकदमे वापस होंगे।