सार
वास्तव में आज यानी सोमवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार की अध्यक्षता में राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक-राउंड 1 लॉन्च किया है। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के सारस्वत, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, विद्युत मंत्रालय के सचिव आलोक कुमार और नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव (ऊर्जा) भी इस मौके पर मौजूद रहे।
नेशनल डेस्क। राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक-राउंड 1 में गुजराज, केरल और पंजाब जैसे बड़े राज्यों ने टॉप पोजिशन हासिल की है। जबकि छोटे राज्यों में गोआ, त्रिपुरा और मणिपुर जैसे राज्य टॉप 3 में शामिल हैं। अगर बात केंद्र शायित राज्यों की करें तो चंडीगढ़, दिल्ली और दमन एंड द्वीव और दादर एंड नागर हवेली टॉप राज्यों में शुमार हैं। वास्तव में आज यानी सोमवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार की अध्यक्षता में राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक-राउंड 1 लॉन्च किया है। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के सारस्वत, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, विद्युत मंत्रालय के सचिव आलोक कुमार और नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव (ऊर्जा) भी इस मौके पर मौजूद रहे।
6 मापदंडों पर खरा उतरना होता है
अपर सचिव डॉ राकेश सरवाल ने रिपोर्ट के मेन प्वाइंट्स को पढ़ते हुए कहा कि स्टेट एनर्जी एंड क्लाइमेट इंडेक्स (एसईसीआई) राउंड 1, राज्यों के प्रदर्शन को 6 मापदंडों पर रैंक करता है। जिसमें (1) डिस्कॉम का प्रदर्शन (2) ऊर्जा की पहुंच, सामथ्र्य और विश्वसनीयता (3) स्वच्छ ऊर्जा पहल (4) ऊर्जा दक्षता (5 ) पर्यावरणीय स्थिरता और (6) नई पहल शामिल है। मापदंडों को आगे 27 इंडिकेटर्स विभाजित किया गया है। कंपोजिट एसईसीआई राउंड 1 स्कोर के आधार पर, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तीन समूहों में फ्रंट रनर, अचीवर्स और एस्पिरेंट्स में डिवाइड किया गया है। राज्यों को आकार और भौगोलिक अंतर के आधार पर बड़े राज्यों, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
कौन से राज्य रहे टॉप तीन में
गुजरात, केरल और पंजाब को बड़े राज्यों की श्रेणी में शीर्ष तीन प्रदर्शनकर्ताओं के रूप में स्थान दिया गया है। गोवा, छोटे राज्यों की श्रेणी में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में उभरा, इसके बाद त्रिपुरा और मणिपुर का स्थान है। केंद्र शासित प्रदेशों में, चंडीगढ़, दिल्ली और दमन और दीव / दादरा और नगर हवेली टॉपर रहे हैं। विस्तृत राज्य प्रोफाइल और स्कोरकार्ड को रिपोर्ट में शामिल किया गया है जो विभिन्न मानकों पर प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का एक व्यापक स्नैपशॉट प्रदान करता है।
जानकारों ने कही यह बात
रिपोर्ट के इस एडिशन से पता चलता है कि कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े राज्य स्तर पर उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे डेटा को कैप्चर करने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है ताकि इसे रिपोर्ट के भविष्य के संस्करणों में शामिल किया जा सके। इस अवसर पर बोलते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि सीओपी-26, ग्लासगो में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 'पंचामृत' लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में हमारे प्रयासों को एक जन आंदोलन में बदलने की आवश्यकता है। ऐसा करने के लिए राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। गवर्नेंस इनोवेशन और राज्यों द्वारा परस्पर सीखने से परिणामों में सुधार होगा और एसईसीआई राउंड 1 इस दिशा में सही कदम है। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा कि महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी कहा की कि स्टेट एनर्जी एंड क्लाइमेट इंडेक्स राउंड- 1 ऊर्जा क्षेत्र पर राज्यों के साथ बातचीत शुरू करने में मदद करेगा ताकि बहुत आवश्यक नीतिगत सुधार किए जा सकें।