Gujarat Woman Kills Sons: गुजरात के नवसारी में अंधविश्वास की वजह से मां ने आधी रात अपने दो मासूम बेटों की हत्या कर दी। “पूर्वजों की मुक्ति” के नाम पर की गई इस घटना में उसने ससुर की जान लेने की भी कोशिश की। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया।

अहमदाबाद। गुजरात के नवसारी जिले में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसे सुनकर किसी का भी मन सिहर जाए। बिलिमोरा कस्बे के देसरा इलाके में रहने वाली एक महिला ने आधी रात अपने ही दो नाबालिग बेटों की गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, महिला इस वहम में थी कि ऐसा करने से उसके “पूर्वजों की मुक्ति” होगी। इस सनसनीखेज मामले ने पूरे गुजरात को हिलाकर रख दिया है ।आख़िर कौन-सा अंधविश्वास एक मां को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है?

क्या आधी रात का अंधविश्वास बन गया दो मासूमों की मौत का कारण?

गुरुवार रात नवसारी के देसरा इलाके के एक फ्लैट में यह वारदात हुई। परिवार के लोग रोज़ की तरह अपने कमरों में सो रहे थे। लेकिन रात करीब 12 बजे, महिला सुनीता शर्मा अपने बेडरूम में बैठकर किसी देवता से प्रार्थना करने लगी। पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से वह बेहद परेशान और तनाव में दिखाई दे रही थी। इसी बीच उसने अपने सात साल और चार साल के बेटों का गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। मासूमों की मौत एक पल की घटना नहीं बल्कि एक मां के हाथों अंधविश्वास के नाम पर एक अनहोनी बन गई।

ससुर की जान कैसे बची? क्या वह भी निशाने पर थे?

रिपोर्ट के अनुसार, दो बेटों की हत्या करने के बाद सुनीता अपने सास-ससुर के कमरे में पहुंची। उसने अपने ससुर इंद्रपाल की भी हत्या करने की कोशिश की, लेकिन इंद्रपाल किसी तरह खुद को छुड़ाकर घर से बाहर भाग निकले और पड़ोसियों से मदद मांगी। पड़ोसी दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन सुनीता ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और किसी की आवाज़ का जवाब नहीं दिया।

पुलिस ने कैसे पकड़ा? अंदर क्या दृश्य था?

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ा गया तो सुनीता अपने बच्चों के lifeless शरीर के पास शांत बैठी मिली। पुलिस के लिए भी यह दृश्य बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाला था। सुनीता को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उपाधीक्षक बी.वी. गोहिल के अनुसार, सुनीता “पूर्वजों के मोक्ष” जैसी मान्यताओं में उलझी हुई थी और मानसिक तनाव में थी।

क्या बीमारी ने बढ़ाया घर का तनाव?

घटना के समय सुनीता का पति शिवकांत अस्पताल में भर्ती था। उन्हें टाइफाइड हुआ था और माता-पिता उन्हें खाना देने अस्पताल गए थे। परिवार के घर लौटते ही यह त्रासदी हो चुकी थी। माना जा रहा है कि पति की बीमारी और तनावपूर्ण स्थिति ने सुनीता की मानसिक स्थिति को और कमजोर कर दिया था।

क्यों बढ़ रहे हैं अंधविश्वास आधारित क्राइम केस?

पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या महिला किसी ढोंगी, तांत्रिक या किसी धार्मिक भ्रम का शिकार हुई थी। गुजरात और देशभर में इस तरह के "अंधविश्वास आधारित अपराध" बढ़ते दिख रहे हैं, जो समाज के लिए बेहद चिंताजनक संकेत है।