सार

गुजरात विधानसभा चुनाव(gujarat assembly elections) से ठीक पहले कांग्रेस को 'टाटा-बाय-बाय' करके निकल लिए हार्दिक पटेल (Hardik Patel Resign from Congress) के अब राजनीति सुर बद चुके हैं। देश के टॉप उद्योगपी अडानी और अंबानी को लेकर कांग्रेस के इल्जामों पर हार्दिक ने आपत्ति दर्ज कराई है। हालांकि कांग्रेस में रहते हुए वे खुद दोनों उद्योगपतियों पर कमेंट्स करते रहे हैं।

नई दिल्ली. हार्दिक पटेल (Hardik Patel Resign from Congress) ने कांग्रेस छोड़ते ही सुर भी बदल लिए हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव(gujarat assembly elections) से ठीक पहले कांग्रेस को 'टाटा-बाय-बाय' करके निकल लिए हार्दिक पटेल (Hardik Patel Resign from Congress) ने देश के टॉप उद्योगपति अडानी और अंबानी को लेकर कांग्रेस के इल्जामों पर हार्दिक ने आपत्ति दर्ज कराई है। हालांकि कांग्रेस में रहते हुए वे खुद दोनों उद्योगपतियों पर कमेंट्स करते रहे हैं।

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एक व्यापारी अपनी मेहनत से ऊपर उठता है
गुजरात के पाटीदार नेता  गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अपने ताजा बयान में कांग्रेस पर देश के शीर्ष उद्योगपतियों मुकेश अंबानी और गौतम अडानी पर लगातार 'गुस्सा निकालने' का आरोप लगाया है। हार्दिक ने कहा कि ये उद्योगपति अपनी कड़ी मेहनत से आगे बढ़े हैं। उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना नहीं बनाया जा सकता, क्योंकि वे प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात से हैं। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, हार्दिक ने आगे कहा-"एक व्यापारी अपनी मेहनत से ही ऊपर उठता है। आप अडानी या अंबानी को हर बार गाली नहीं दे सकते। अगर पीएम गुजरात से हैं, तो अंबानी और अडानी पर इस बारे में अपना गुस्सा क्यों निकालें? यह सिर्फ गुमराह करने का एक तरीका था।''

कांग्रेस में तीन साल बर्बाद किए
हार्दिक पटेल ने दो टूक कहा कि उन्होंने कांग्रेस में अपने राजनीतिक जीवन के तीन साल बर्बाद कर दिए। हार्दिक पटेल ने दावा किया कि अगर वह कांग्रेस के साथ नहीं होते, तो गुजरात के लिए बेहतर काम कर सकते थे। हार्दिक ने नाराजगी जताई कि न तो उन्हें पार्टी में रहते हुए काम करने का मौका मिला और न ही कांग्रेस ने कोई काम दिया। अपने ताजा बयान से हार्दिक ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस से सख्त नाराज हैं। हालांकि कांग्रेस ने उन्हें अवसरवादी बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि आरक्षण विवाद के दौरान उनके खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने के लिए वह छह साल से भाजपा के संपर्क में थे। लेकिन हार्दिक ने इस बात से फिलहाल इनकार किया है कि वह भाजपा के लिए एक लाइन तैयार कर रहे हैं।

सोनिया गांधी को भेजा था लंबा-चौड़ा इस्तीफा
जुलाई, 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन(Patidar reservation movement) को लीड करके देशभर की पॉलिटिक्स में छा जाने वाले हार्दिक पटेल ने 18 मई को सोनिया गांधी को एक लंबा-चौड़ा इस्तीफा-पत्र भेजा था। यह पत्र उन्होंने अपने twitter पर भी शेयर किया था। हार्दिक ने कुछ मुद्दें खासतौर पर उठाए थे। उन्होंने इस्तीफे में लिखा था-करीब 3 वर्षों में मैंने यह पाया है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ विरोध की राजनीति तक सीमित रह गई है। अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर हो, CAA-NRC का मुद्दा हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना हो अथवा GST लागू करने जैसे निर्णय हों, देश लंबे समय से इनका समाधान चाहता था और कांग्रेस पार्टी सिर्फ इसमें एक बाधा बनने का काम करती रही। 

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