सार

पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण इन दिनों देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मैदानी इलाकों में सबसे अधिक ठंड का प्रकोप है। जम्मू्-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर तापमान शून्य से नीचे चला गया है। 

नई दिल्ली. पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण इन दिनों देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मैदानी इलाकों में सबसे अधिक ठंड का प्रकोप है। जम्मू्-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर तापमान शून्य से नीचे चला गया है। कश्मीर में 40 दिन तक पड़ने वाली कड़ाके की ठंड यानी 'चिल्लई कलां' की सोमवार से शुरुआत हो गई। हालांकि इस बीच घाटी के न्यूनतम तापमान में थोड़ी वृद्धि हुई है। 

श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चार डिग्री सेल्सियस रहा। राजस्थान में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी से लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, राज्य के एकमात्र पर्वतीय स्थल माउंट आबू में मौसम विभाग के अनुसार रविवार रात तापमान शून्य से दो डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

पंजाब हरियाणा समेत इन राज्यों में भी भीषण ठंड 
पंजाब और हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से चल रही शीत लहर की स्थिति सोमवार को भी जारी रही। चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना के मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटे तक राज्य के सभी शहरों में कोल्ड डे या कोल्ड वेब का अलर्ट जारी किया है। उसके बाद के 24 घंटे भी स्थिति में ज्यादा सुधार के आसार नहीं हैं। पटना का अधिकतम तापमान 17.8 डिग्री दर्ज किया गया। गया का अधिकतम 20.6, भागलपुर का 21.2 जबकि पूर्णिया का 22.1 डिग्री सेल्सियस रहा।

यूपी में मौसम विभाग की चेतावनी 
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचंड शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की है। इस दौरान पूर्वी व पश्चिमी अंचलों में कई स्थानों को कोल्ड डे के हालात रहेंगे यानी दिन में धूप नहीं निकलेगी। सुबह व रात में घना कोहरा छाया रह सकता है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान चुर्क रहा, जहां रात का तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस रहा। इस दौरान गोरखपुर, वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, बरेली मण्डलों में रात का तापमान सामान्य से कम रहा। सोमवार को लखनऊ और आसपास के इलाकों में दिन में धूप खिली मगर ठिठुरन बनी रही। शाम होते-होते ठण्ड का असर और गहरा गया। 

भारत-चीन बॉर्डर पर बहने वाली नदी जमी 
भारत-चीन सीमा से सटे लिपूलेख क्षेत्र में माइनस 20 डिग्री से नीचे पारा पहुंच गया है। लगातार पारा गिरने के बाद अब कुटी यंगती नदी पूरी तरह से जम गई है। क्षेत्र के 18 प्रमुख जल स्रोतों का पानी भी जम गया है। जिससे उच्च हिमालयी गांवों में इस समय रह रहे कई लोगों के साथ चीन सीमा में तैनात सैनिकों को पीने पानी के लिए तक मुसीबत झेलनी पड़ रही है। 16 हजार 640 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित लिपूलेख दर्रा भारत व चीन के बीच सीमा विभाजन करता है। वहां इस समय तापमान रात के समय माइनस 20 से नीचे पहुंच रहा है। नप्लचु, नाभी, रोंककोंग, गुंजी, कुटी में इस समय रात को तापमान माइनस 8 से नीचे जा रहा है। जिससे इन गांवों के सभी जल स्रोत जम गए हैं।