सार

गाम्बिया में भारत की मैडेन फार्मास्क्यूटिकल्स कंपनी का कफ सीरप पीने से 66 बच्चों की मौत के बाद भारत अलर्ट हो गया है। हरियाणा सरकार इस कंपनी के कफ सिरप प्रोडक्शन पर बैन लगा दिया है। कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

चंडीगढ़. पश्चिमी अफ्रीका के छोटे से देश गाम्बिया(Gambia) में मैडेन फार्मास्क्यूटिकल्स कंपनी (Maiden Pharmaceuticals Ltd) का कफ सीरप पीने से 66 बच्चों की मौत के बाद भारत अलर्ट हो गया है। हरियाणा सरकार इस कंपनी के कफ सिरप (Cough Syrup) प्रोडक्शन पर बैन लगा दिया है। गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हरियाणा के मैडन फार्मास्युटिकल्स के तीन कफ सिरप के खिलाफ मेडिकल अलर्ट (Medical Alert) जारी किया था। इसके बाद से कंपनी विवादों में घिर गई है।

सरकार ने दिखाई सख्ती
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि राज्य सरकार ने कंपनी के कफ सिरप उत्पादन पर रोक लगा दी है। विज ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की ओर से अलर्ट मिलने के बाद फार्मास्युटिक्स कंपनी के तीन कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए कोलकाता की सेंट्रल ड्रग लैब में भेजे गए थे। उसकी रिपोर्ट का इंतजार है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि "मैडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड एक डब्ल्यूएचओ-जीएमपी और आईएसओ 9001-2015 प्रमाणित फार्मास्युटिकल कंपनी है। इसकी शुरुआत 22 नवंबर, 1990 को हुई थी। कंपनी के हरियाणा में दो जगह कुंडली और पानीपत में प्रॉडक्शन प्लांट हैं। नई दिल्ली में नेताजी सुभाष प्लेस, पीतमपुरा में कॉर्पोरेट कार्यालय है।

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों द्वारा संयुक्त निरीक्षण के बाद इस कंपनी के प्रॉडक्शन में करीब 12 खामियां मिली हैं। इसे ही ध्यान में रखते हुए कफ सिरप के प्रॉडक्शन पर बैन लगाने का निर्णय लिया गया है। कंपनी को नोटिस दिया गया है कि पूरा उत्पादन बंद कर दिया।

बता दें कि सोमवार(10 अक्टूबर) को भारतीय फार्मा कंपनी ने गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के लिए अपने कफ सिरप को जोड़ने वाली रिपोर्टों पर एक बयान जारी करके सफाई दी थी। न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक विशेष इनपुट में फार्मा कंपनी ने कहा, "हम मौतों के बारे में मीडिया रिपोर्टों को सुनकर स्तब्ध हैं और इस घटना पर गहरा दुख हुआ है, लेकिन हमें 5 अक्टूबर, 2022 को गाम्बिया में हमारे एजेंट से आधिकारिक जानकारी मिली। है।" 

एक आधिकारिक बयान में कंपनी के निदेशक विवेक गोयल ने कहा, "हम तीन दशकों से अधिक समय से दवाओं के क्षेत्र में हैं और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (इंडिया) और स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर, हरियाणा सहित स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रोटोकॉल का लगन से पालन कर रहे हैं।"

कंपनी ने दिए ये तर्क
कंपनी के डायरेक्टर विवेक गोयल ने सफाई दी कि उनके पास उन उत्पादों(कफ सिरप) के निर्यात के लिए वैलिड ड्रग अप्रूवल्स हैं। उनकी कंपनीघरेलू बाजार में कुछ भी नहीं बेच रही है। उनकी कंपनी सर्टिफाइड है और प्रतिष्ठित कंपनियों से रॉ मटैरियल लेती है। गोयल ने बताया कि सरकारी एजेंसियों ने 1,3, 6 और 7 अक्टूबर को फैक्ट्री का दौरा किया और कंपनी के डायेक्टरों की मौजूदगी में कफ सिरप के सैम्पल लिए थे। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मैडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड के पास स्टेट ड्रग कंट्रोलर से इन उत्पादों के लिए लाइसेंस मिला हुआ है। वह इन उत्पादों के लिए मैन्युफैक्चरिंग की परमिशन रखता है। कंपनी ने अब तक इन उत्पादों का निर्माण और निर्यात केवल गाम्बिया को किया है।

यह भी पढ़ें
UN और रेड क्रॉस की चेतावनी-आने वाले दशक में 'लू' लोगों का जीना मुहाल कर देगी, सहन नहीं हो पाएगी गर्मी
खतरों से खेलने में माहिर हैं एक मुस्लिम देश की आदिवासी महिलाएं, जानिए कौन हैं ये बख्तियारी लोग