सार

5 जी टेक्नोलॉजी के खिलाफ एक्ट्रेस जूही चावला द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 2 जून को अगली सुनवाई करेगा। जूही पिछले कई सालों से इसके खिलाफ आवाज उठाती आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने 5 जी नेटवर्क के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 

मुंबई. 5 जी टेक्नोलॉजी के खिलाफ एक्ट्रेस जूही चावला द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 2 जून को अगली सुनवाई करेगा। जूही पिछले कई सालों से इसके खिलाफ आवाज उठाती आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने 5 जी नेटवर्क के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार को इस मामले में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 2 जून को होगी। उनका तर्क है कि 5जी टेक्नोलॉजी की रेडियोफ्रिक्वेंसी से लोगों की हेल्थ पर बुरा असर पड़ेगा। इसलिए इस पर रोक लगना चाहिए। 

5 जी टॉवर से सेहत पर बुरा असर
जूही चावला लंबे समय से 5जी टॉवर के खिलाफ जागरुकता अभियान छेड़े हुए हैं। चूही चावला का याचिका को दूसरी पीठ के पास स्थानांतरित किया गया है। जूही ने याचिका में मांग की है कि इस टेक्नोलॉजी को लागू करने से पहले इससे जुड़े तमाम पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया जाए। यानी इसका मानव और जीव-जंतुओं के अलावा पर्यावरण पर क्या असर पडे़गा, इसे परखा जाना चाहिए। बता दें कि 5 जी टेक्नोलॉजी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। जूही ने याचिका में सवाल किया है कि क्या इस तकनीक को लेकर पर्याप्त रिसर्च की गई है? क्या यह आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रहेगी?

जूही ने कहा, हम उन्नत किस्म के तकनीक को लागू किए जाने के विरोध में नहीं हैं। इसके उलट हम टेक्नोलॉजी की दुनिया से निकलने वाले नए प्रोडक्ट्स को भरपूर लुत्फ उठाते हैं, जिनमें वायरलेस कम्युनिकेशन का भी समावेश है। हालांकि इस तरह के डिवाइजों को इस्तेमाल करने को लेकर हम हमेशा ही असमंजस की स्थिति में रहते हैं क्योंकि वायरफ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावर्स से संबंधित हमारी खुद की रीसर्च और अध्ययन से ये पुख्ता तौर पर पता चलता है कि इस तरह की रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक है।

केंद्र ने हाल में दी थी मंजूरी
इसी साल  5G शुरू हो सकती है। दरअसल, सरकार ने देश में 5G ट्रायल के लिए 13 कंपनियों के आवेदन को मंजूरी दे दी है। हालांकि, सरकार ने इससे चीनी कंपनियों को दूर रखा है।  एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम विभाग को 5G के ट्रायल के लिए 16 आवेदन मिल थे। सरकार ने 13 को मंजूरी दे दी है। हालांकि, इस ट्रायल से हुवावे और ZTE जैसी चाइनीज कंपनियों को दूर रखा गया है। 

बीएसएनएल भी आई आगे
उधर, भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने भी इस ट्रायल के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (C-DoT) के साथ साझेदारी की है। C-DoT भारत सरकार का टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर है। इसकी स्थापना 1984 में की गई थी। इसके अलावा ने भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो ने एरिक्सन और नोकिया से वेंडर्स के साथ साझेदारी की है। 

ट्रायल के लिए मिलेगी एयरवेव
अधिकारियों ने बताया कि कंपनियों को ट्रायल के लिए जल्द 700 मेगाहर्ट्ज बैंड की एयरवेव दी जाएंगी। हालांकि, कंपनियों को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग जैसी शर्तों का पालन करना होगा। इसके अलावा नेटवर्क की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। इतना ही नहीं कंपनियां इन वेव का इस्तेमाल सिर्फ ट्रायल के लिए करेंगी। इनका कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 

जियो कर चुकी 5G लॉन्च करने का ऐलान
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने हाल ही में ऐलान किया था कि जियो 2021 की दूसरी छमाही में  5G लॉन्च करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा था कि देश में डिजिटल लीड को बनाए रखने के लिए 5G की शुरुआत करने की जरूरत है और इसे सस्ता और सभी जगह उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
 
इन देशों में मिल रहीं 5G सेवाएं
भारत में भले ही अभी  5G सेवाएं लॉन्च करने की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया में यह पहले ही शुरू हो चुकी है। इतना ही नहीं श्रीलंका, ओमान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड जैसे 68 छोटे बड़े देशों में यह शुरू हो चुकी हैं।