Bengaluru Brutal Murder: बेंगलुरु में मंगलवार रात 40 वर्षीय हिस्ट्रीशीटर शिवकुमार की उसके घर के बाहर बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस मामले में दर्ज हुई FIR में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री का भी नाम शामिल है।
Bengaluru Brutal Murder: बेंगलुरु में मंगलवार रात एक 40 साल के हिस्ट्रीशीटर शिवकुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिव रात करीब 8:10 बजे अपने घर के बाहर हलासूर झील के पास खड़ा था। तभी अचानक से 8-9 लोगों ने उसपर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। कार में आए हमलावरों मे उसपर ताबड़तोड़ वार किया। इसके बाद सभी आरोपी एक सफेद स्कॉर्पियो और दो बाइकों से वहां से भाग निकले।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
घटना के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त रमेश बनोथ और उप पुलिस आयुक्त डी. देवराज मौके पर पहुंचे। शिवा की मां विजयलक्ष्मी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर हत्या का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
FIR में कई लोगों को बनाया आरोपी
FIR में कई लोगों को आरोपी बनाया गया है, इसमें कृष्णराजपुरम से बीजेपी विधायक बयरथी बसवराज का नाम भी शामिल है। आरोप है कि बसवराज ने इस हत्या की साजिश में आरोपी की मदद की थी। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शिवकुमार के खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज थे और 2006 में उनके खिलाफ ‘राउडी शीट’ खोली गई थी।
क्या है राउडी शीट?
राउडी शीट पुलिस रिकॉर्ड है जिसमें उन लोगों के नाम दर्ज होते हैं जो बार-बार अपराध करते हैं या कानून-व्यवस्था के लिए खतरा माने जाते हैं। यह सिस्टम दक्षिण भारत के राज्यों जैसे कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में है। इसमें लिस्ट में नाम के बाद व्यक्ति पर पुलिस निगरानी रखती है। बता दें कि यह कानूनी कार्रवाई नहीं बल्कि पुलिस की प्रशासनिक निगरानी का हिस्सा होती है।
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मौत से लगभग तीन महीने लिखी थी एक चिट्ठी
मारे गए शिवकुमार ने अपनी मौत से लगभग तीन महीने पहले बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने बीजेपी विधायक बसवराज, उनके सहयोगी जगदीश, और भतीजे किरण पर गंभीर आरोप लगाए थे।
शिवा ने चिट्ठी में साफ-साफ लिखा था कि ये लोग उसकी जमीन पर कब्जा करना चाहते थे, और अगर उसने जमीन नहीं दी, तो उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। उसने यह भी बताया था कि जगदीश पर कई आपराधिक केस थे, लेकिन विधायक के दबाव में उसका नाम पुलिस रिकॉर्ड से हटा दिया गया।
