सार
नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में शनिवार सुबह घना कोहरा छाया। दिल्ली एयरपोर्ट के रनवे पर विजिबिलिटी शून्य थी। कम विजिबिलिटी के चलते विमान को जमीन पर उतरने और उड़ान भरने में दिक्कत आती है। हादसे का खतरा रहता है। इसलिए ऐसी स्थिति में विमानों का संचालन रोकना पड़ता है।
विमान कम विजिबिलिटी में भी सुरक्षित रूप से लैंड कर सकें इसके लिए कैट III का इस्तेमाल होता है। जो विमान कैट III मानक पर खड़े नहीं उतरते हैं वे घने कोहरे के समय लैंडिंग नहीं करते। आइए जानते हैं ये कैट III क्या है। यह कैसे कम दिखाई देने पर भी विमान को जमीन पर उतरने में मदद करता है।
CAT III क्या है?
CAT III एक इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) है। यह बेहद खराब विजिबिलिटी की स्थिति में विमानों को रनवे पर उतरने में मदद करता है। इससे पायलटों को विमान के रनवे अलाइनमेंट (रनवे कहां है, विमान रनवे की ओर किस तरह बढ़ रहा है जैसी जानकारी) देता है। यह विमान का ग्लाइड पाथ बताता है। ग्लाइड पाथ से पता चलता है कि विमान रनवे पर कहां जमीन को छूएगा। यह पायलटों को ग्राउंड-आधारित रेडियो नेविगेशन प्रदान करता है। यह सिस्टम दो रेडियो बीम का इस्तेमाल करता है। इससे पायलट को लैंडिंग के दौरान विमान की ऊंचाई और रफ्तार के बारे में सटीक जानकारी मिलती है।
CAT III A सिस्टम से रनवे पर कम के कम 200 मीटर दूर तक दिखाई देने पर विमान उतर सकता है। CAT III B से विमान विजिबिलिटी 50-200 मीटर हो तब भी उतर सकता है। CAT III C की सुविधा हो तो विमान 0 विजिबिलिटी में भी लैंड कर सकता है। कम विजिबिलिटी बर्फबारी, बारिश या कोहरे के चलते हो सकती है।
ऊंचाई और लंबाई से जुड़े मार्गदर्शन के अलावा CAT III एप्रोच ट्रैजेक्टरी और टचडाउन जोन के बारे में भी जानकारी देता है। यह रनवे से कितनी दूरी पर रहना है, फ्लैप कब खोलना है और ब्रेक कब लगाना है, इस बारे में भी बताता है।
CAT II सिस्टम विमान को उस स्थिति में गाइड करता है जब विजिबिलिटी 350 मीटर से कम न हो। वहीं, CAT I सिस्टम 550 मीटर से ज्यादा विजिबिलिटी होने पर लैंडिंग में सहायता करता है।
भारत के किन एयरपोर्ट पर लगा है कैट III सिस्टम?
भारत में छह (दिल्ली, लखनऊ, जयपुर, अमृतसर, बेंगलुरु और कोलकाता) हवाई अड्डे हैं जिनके रनवे को कैट III बी परिचालन के लिए प्रमाणित किया गया है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे 28 पर CAT III A सिस्टम पहली बार 2001 में लगाया गया था। 2005 में इसे अपग्रेड कर CAT III B मानक तक लाया गया। इसके लिए 55 करोड़ रुपए खर्च कर एडवांस सरफेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम लगाए गए।
अभी तक कोई भारतीय एयरपोर्ट CAT III C क्लास के अनुसार नहीं है। यह सिस्टम न्यूयॉर्क के जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट और लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर लागू है।
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