सार

ईशा लीडरशिप एकडेमी (Isha Leadership Program 2023) के 'ह्यूमन इज नॉट ए रिसोर्स प्रोग्राम 2023' में सद्गुरू ने कहा कि - 'मैं टैलेंट तैयार करता हूं, मैं टैलेंट को खोजता नहीं हूं।'

Isha Leadership Program. ईशा लीडरशिप एकडेमी के 'ह्यूमन इज नॉट ए रिसोर्स प्रोग्राम 2023' में सद्गुरू ने कहा कि - मैं टैलेंट तैयार करता हूं, मैं टैलेंट को खोजता नहीं हूं। इस कार्यक्रम में इसरो चेयरमैन ने भारतीय स्पेस एजेंसी के टैलेंट पूल के बारे में चर्चा की। वहीं एचआर लीडर अनुराधा राजदान ने बताया कि आखिर क्यों हिंदुस्तान यूनिलीवर को सीईओ फैक्ट्री कहा जाता है।

9 से 11 जून 2023 के बीच हुआ सद्गुरू का कार्यक्रम

कोयबंटूर के सुरम्य और शक्तिशाली रूप से ऊर्जावान ईशा योग केंद्र में 9 जून से 11 जून 2023 तक तीन दिवसीय लीडरशिप कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान सद्गुरु द्वारा परिकल्पित यह कार्यक्रम बिजनेस में ह्यूम रिसोर्स को ओपन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख पदों को संभालने के लिए कम अनुभवी लोगों को तैयार करने की उनकी जादुई क्षमता के बारे में पूछे जाने पर सद्गुरु ने कहा कि यह प्रबंधन है कोई जादू नहीं है। जिस क्षण आप इसे जादू कहते हैं, आप इसका मूल्य लेते हैं।

ह्यूमन इज नॉट ए रिसोर्स प्रोग्राम 2023

सद्गुरू ने कहा कि हम अनिवार्य रूप से स्थितियों को प्रबंधित करने या लोगों को प्रबंधित करने के बारे में बात करते हैं। वे दो अलग-अलग चीजें नहीं हैं। लेकिन आम तौर पर हर कोई परिस्थितियों को मैनेज करने की कोशिश करता है। जबकि बेहतर होगा कि आप लोगों को मैनेज करें। यदि आप लोगों को प्रबंधित करते हैं तो परिस्थितियां अपने आप ठीक हो जाएंगी। इससे पहले ह्यूमन इज नॉट ए रिसोर्स के दूसरे दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने महत्वपूर्ण बातें कहीं। इसरो प्रमुख ने खुलासा किया कि संगठन के पास कोई एचआर विभाग नहीं है। इसरो में शामिल होने वाला प्रत्येक व्यक्ति जुनून और भागीदारी के दम पर खुद ही लीडरशिप पैदा करता है।

उन्होंने कहा कि इसका रहस्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति में जुनून और भागीदारी पैदा करना चाहिए। हमारे पास मूल्यांकन करने, सलाह देने या लोगों को स्थानांतरित करने के लिए एचआर विभाग नहीं है। हम इसे स्वयं ही करते हैं। जितना हम रॉकेट को देखते हैं, उतना ही लोगों को भी देखते हैं। यही कारण है कि हमारी तरह कई लीडर एक साथ काम करते हैं। आईआईटी से भर्ती करने के इच्छुक प्रमुख संगठनों के विपरीतइसरो प्रमुख ने खुलासा किया कि उनमें से कुछ ही इसरो में हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में प्रतिभा अपार है और आपको केवल उन प्रतिभाओं का पता लगाना है और फिर एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जिसके द्वारा वे वास्तव में उस स्तर तक बढ़ सकते हैं जहां आप देश और दुनिया भर के शानदार लोगों से आगे निकल जाएंगे।

एचआर लीडर अनुराधा राजदान ने क्या कहा

हिंदुस्तान यूनिलीवर, CHRO, Unilever South Asia की कार्यकारी निदेशक अनुराधा राजदान ने लीडर बनाने के लिए Hindustan Unilever Limited (HUL) की क्षमता का परिचय कराया। एचयूएल को अक्सर कॉर्पोरेट सर्कल में सीईओ फैक्ट्री कहा जाता है क्योंकि इसके पूर्व छात्र भारत में कॉरपोरेट्स में सीईओ और सीएक्सओ पदों पर काम करते रहे हैं।

तीन दिवसीय लीडरशिप कार्यक्रम में क्या हुआ

तीन दिनों में प्रतिभागियों को रिसोर्स लीडर्स के साथ बातचीत करने और उनके अनुभवों को जानने का अनूठा अवसर मिला। उद्योग जगत के दिग्गजों ने प्रतिभागियों को व्यक्तिगत रूप से सलाह भी दी। इस दौरान उद्योग जगत के दिग्गज समित घोष, संस्थापक, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड, वसंती श्रीनिवासन प्रोफेसर, आईआईएम बैंगलोर, अमित आंचल, बोर्ड सदस्य, ओला इलेक्ट्रिक, हिमांशु सक्सेना, संस्थापक और सीईओ सेंटर ऑफ स्ट्रेटेजिक माइंडसेट (सीओएसएम) और प्रतीक पाल सीईओ, टाटा डिजिटल ने प्रतिभागियों के विविध समूह के साथ अपने अनुभव शेयर किए। महिंद्रा फर्स्ट चॉइस व्हील्स के एमडी और सीईओ आशुतोष पांडे और ईशा लीडरशिप एकेडमी की मौमिता सेन सरमा ने प्रतिभागियों को हिनार 2023 के प्रोग्राम एंकर के तौर पर जोड़े रखा।

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