सार

बालाकोट एयरस्ट्राइक के दो साल पूरे हो गए हैं। 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। अब बालाकोट की दूसरी बरसी पर वायुसेना के मिराज और सुखोई विमान एक बार फिर आसमान में गरजे। इतना ही नहीं इन विमानों ने राजस्थान के पोकरण में बने बंकरों को तबाह कर दिया। 

नई दिल्ली. बालाकोट एयरस्ट्राइक के दो साल पूरे हो गए हैं। 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। अब बालाकोट की दूसरी बरसी पर वायुसेना के मिराज और सुखोई विमान एक बार फिर आसमान में गरजे। इतना ही नहीं इन विमानों ने राजस्थान के पोकरण में बने बंकरों को तबाह कर दिया। 

मिराज विमान ने लॉन्ग रेंज स्ट्राइक एक्सरसाइज में सटीक निशाना लगाकर टारगेट तबाह कर दिए। ये बंकर वैसे ही थे कि जैसे बालाकोट में थे, जिनमें आतंकियों ने पनाह ली थी। 

सुखोई और मिराज ने भरी थी उड़ान
भारतीय वायुसेना के अपग्रेडेड मिराज 2000 और सुखोई 30 MKI फाइटर जेट ने ग्वालियर के महाराजपुर एयरबेस से उड़ान भरी थी। टारगेट पोकरण में सेलेक्ट किया गया था। दूरी करीब 615 किमी थी। मिराज विमान ने स्पाइस बमों से टारगेट को हिट किया। इन्हीं का बालाकोट एयरस्ट्राइक में इस्तेमाल किया गया था। बताया जा रहा है कि यह ऑपरेशन 3 मिराज और 2 सुखोई फाइटर जेट ने अंजाम दिया था। 

 


वहीं, इस मौके पर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया भी महाराजपुर एयरबेस पहुंचे। वे एयरस्ट्राइक में शामिल पायलट्स से मिले और उसके बाद मिराज में उड़ान भरी।



क्यों चुना गया पोकरण ? 
ग्वालियर से एयरफोर्स स्टेशन से पोकरण की दूरी 615 किमी है। जैसलमेर में पोकरण के चांदण में एयरफोर्स की फायरिंग रेंज में 6 टारगेट तय किए गए थे। पायलटों ने 5 पर बम गिराकर तबाह कर दिया था।   

भारत ने की थी जवाबी कार्रवाई 
14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में बम बरसाए थे।